गोपाल लोधियाल: पहाड़ों में हैं गाँव सूने, तुम चले हो जश्न मनाने?जो पीड़ा थी तब हिया में, वही आज भी… READ MORE
आफाक: विकास की बयार में घर, मकान और दुकान के साथ बहुत कुछ उजड़ रहा है। हमारा गाँव पहाड़गंज घोसियाना… READ MORE
वर्षा बर्मन: एक भारत ऐसा भी होगाभले हर कण में यहाँ राम होगा, आयत सा पाक कुरान होगापर जब बात… READ MORE
महिपाल मोहन: इस साल अप्रैल माह की शुरुआत में मुझे उत्तराखंड के पिंडारी ग्लेशियर के पास के खाती और बाछम… READ MORE
रासमनी तांती: आज है विश्व पर्यावरण दिवस क्या आन पड़ी मनाने को पर्यावरण दिवस जो हो गये मानव पेड़-पौधे लगाने… READ MORE
डेज़ी कूजुर: जितनी लंबी और चौड़ी रोड, उतनी बड़ी ट्रक, उतने बड़े लोग, और उतनी बड़ी लालच। जितनी लंबी और… READ MORE
कोर्दुला कुजूर: (कुड़ुख कविता) अयंग गही लोला चोन्हा अयंग नमन मेख़ा लगी ब’आ लगी,चोआ हरो हे ओरमा आलारों निजड़ा नीम… READ MORE
Mary Rajnee Toppo (मेरी रजनी टोप्पो): Now THE JUNGLE is black, ashy and dark, so is the human heart Red… READ MORE
|
अरविंद अंजुम: मनुष्य की अद्भुत कल्पना है – स्वर्ग। स्वर्ग के बारे में सबसे बुनियादी कल्पना व ख्वाहिश है कि… READ MORE
युवानिया पत्रिका, युवाओं को उनकी सोच को कलमबद्ध करने का एक मंच देने का प्रयास है। इस पत्रिका के माध्यम से हम मुख्यतः युवा मन के विचारों को सामने लाना चाहते हैं। साथ ही आस-पास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृष्य पर युवाओं के विचारों को भी साझा करना चाहते हैं।
Designed with WordPress