कोर्दुला कुजूर:
(कुड़ुख कविता)
अयंग गही लोला चोन्हा
अयंग नमन मेख़ा लगी
ब’आ लगी,चोआ हरो
हे ओरमा आलारों
निजड़ा नीम एवंदा ख़ंदरओर
एंदेर जिनिस बरचा
पद्दा तो पद्दा, एड़पानू हूं कोरचा केरा
छिप्पाता मंडीन बच्चा लगी
कट्टूता मंडीन हूं बच्चा लगी
अन्नू हूं नीम मल निजड़ा लगदर
चो’आ नीम एवंदा ख़ंदरओर,
चोआ अयंग निमन मेख़ा लगी।
मंडीन बच्चत’अर कीड़ा सार’आ लगदर
मंडी बेद्दागे नन राजी काला लगदर
लाथ घुसा मोख़ा लगदर
बिरिंग बिंरिंग उज्जा लगदर
बरा किर्रा, अयंग निमन मेख़ा लगी।
दिल्ली-पटना निंदया, बंबई-मद्रास हूं निंदया
नन राजी कालर धांगर मनअर रट’आ लगदर
बिरिंग-बिरिंग उज्जा लगदर
खेअना’ एबसरनन मल एलचा लगदर
बरा किर्रा, अयंग निमन मेख़ा लगी।
अयंग तंग्हय खोंखेनू, सोना,रूपा हीरान नुड्डकी र’ई
अवंगेम चींख़नुम ब’आ लगी,
बरा किर्रा,एंगन ख़ापा
ननअर ही बचना ती बच्छाब’आ
बरा किर्रा हे एंग्हय चोनहा जोगे आलारो
बरा किर्रा अयंग निमन मेख़ा लगी
अयंग राजी,हीरा राजी, ओहरे-२
सोना,रुपा,हीरा, चांदी पन्ना अरा कुईला,
बाॅक्साईट अरा अबरख,हुरमीन निम्हय खतरी
खेंवचकी उयकी र’ई,अंवगेम आना लगी
ननअर ही बचना ती बच्छाब’आ
एंगन दव लेक्खा जोगाब’आ,
ढंगर उज्जना ती उबार मना,
गोल्लर-बेलर लेक्खा उज्जना उज्जा
बरा किर्रा अयंग निमन मेख़ा लगी।
बरा होरमर संगे संगे,ओनटा गोठ नू र’आ
खींस खोपन अम्बा,हिंसगा-पटगन अम्बा,
संगे संगे र’ओर होले,ननअर ही बच्चनाती
बच्छाब’आ ओंगोर, राजी नम्हय उजगार’ओ
अरा परदों, अवंगेम, बरा ओरमर किर्रा
अयंग निमन मेख़ा लगी, अयंग निमन मेख़ा लगी।।
हिन्दी अनुवाद:
मां का प्यार
मां हमें बुला रही, कह रही हमें,
सभी लोग उठो और जाग जाओ
क्या ( कोई) चीज आया
गांव तो गांव, घर में भी घुस गया
हमारा प्लेट का खाना को छीन रहा
चेरी ( खाना बनाने वाला मिट्टी का बरतन) का खाना भी
छीन रहा है, तब भी तुम्हारा नींद नहीं खुल रहा
अब तो जाग जाओ, कितना सोओगे,
उठो मां तुम्हें बुला रही है।
भोजन को लुटवाकर भूखे रह रहे हो
भोजन की तलाश में अन्य प्रदेशों में जा रहे हो
लात-घूंसा खाते और रोकर ज़िन्दगी जी रहे हो
अतः वापस आ जाओ मां तुम्हें बुला रही है।
दिल्ली, पटना भर गया, बंबई, मद्रास भी भर गया
दूसरे राज्यों में जाकर तुम धांगर बन खूब खट रहे हो
रो- रोकर ज़िन्दगी जी रहे हो
मरण- हेरन का भी भय नहीं तुम में
वापस आ जाओ मां तुम्हें बुला रही है।
मां अपनी कोख में सोना, रूपा और हीरे को
छुपाकर रखी है, इसलिए वह रोते हुए तुम्हें
कह रही है, वापस आ जाओ, मेरी रक्षा करो
दूसरों के लूटने से मुझे बचा लो
हे मेरे प्यारो तुम लोग वापस लौट आओ
मां तुम्हें बुला रही है।
मां स्वरूप यह प्रदेश हमारे लिए हीरा के समान है
और यह अपने अन्दर सोना, रूपा, हीरा, चांदी, लोहा, कोयला, और बाक्साईट और अबरख सब कुछ को
तुम लोगों के खातिर समेटकर रखी है
इसलिए वह तुमसे कह रही है, तुम वापस लौट आओ।
दूसरों के लूटने से मुझे बचा लो, मेरी रक्षा करो
धांगर ज़िन्दगी से ऊपर उठकर
मालिकों की तरह जिंदगी जीओ
तुम अपना प्रदेश लौट आओ
मां तुम्हें बुला रही है।
आओ सब मिल जुल कर एक साथ (झुंड में) रहो
गिला -शिकवा, क्रोध और ईर्ष्या को त्यागकर
एक साथ रहोगे, तभी दूसरों के लूटने से बचा पाओगे
क्षेत्र का विकास होगा, राज्य की उन्नति होगी
इसलिए सभी अपने घरों की ओर लौट आओ
मां तुम्हें बुला रही है।
फीचर्ड फोटो आभार: बेटर इंडिया