एक पहाड़ी ढलान पर बसा लगभग 25 हज़ार की आबादी वाला यह शहर निरंतर दरक रहा है, धंस रहा है। शहर के लगभग हर हिस्से में घरों, खेतों, सड़कों में दरारें हैं। 800 से अधिक लोगों को अस्थायी शिविरों में शिफ्ट किया गया है और लगभग इतने ही भवनों में दरारें देखी गयी हैं।
