इस धरा के घने जंगल

नरेंद्र तिवारी: भवानी प्रसाद मिश्र दादा की कविता “सतपुढा के घने जंगल याद करते हुए” इस धरा के घने जंगलजाने कैसे बने जंगलखूब सुंदर खूब

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यादों का मौसम

विश्वजीत नास्तिक:अररिया, बिहार | कक्षा 12वी तेरी यादों का मौसम,बेमौसम बरसात की तरह है…,जब भी आती है,मुझे भीगा जाती है…। तेरी जुल्फों की महक,निशा की

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बरसात का आगाज़

मुस्कान पटेल: बरसात का आगाज़किसान की आवाज़ तिल अभी बस मुस्कुराई थी,उड़द, लहलहाई ही थीमूंग में महक आई ही थी,कि अधिक पानी,सब एक साथ ले

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2022 का मेडिसिन/फिजियोलॉजी का नोबेल पुरस्कार डॉ. स्वांते पेबो को मिला है।

नवनीत नव: और इन्होंने खोजा क्या है? आज के समय विज्ञान मानता है कि आधुनिक मानव यानि होमो सेपियंस यानि हम लोग इस धरती पर

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उत्तराखंड की महिलाएँ और आत्मनिर्भरता की दिशा में उनके प्रयास

तरुण जोशी: महिलाएं उत्तराखंड की आर्थिकी की हमेशा से ही रीढ़ बनी रही हैं। यहाँ की आर्थिकी में किसी भी तरह के परिवर्तन का सबसे

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कूड़ा निपटान और मज़दूरों का जीविका संघर्ष

धर्मेन्द्र यादव: सन् 2008 में एक एनेमीशेन फिल्म आई, वॉल-ई। इस फिल्म में दिखाया गया कि किस तरह से दुनिया अपने द्वारा बनाई गई वस्तुओं

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