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यह किताबों को कंठस्थ करने का समय है: कविता

मनीष आज़ाद: यह किताबों को कंठस्थ करने का समय हैक्योंकि किताबों को जलाने का आदेश कभी भी आ सकता हैतानाशाह को पता हैभविष्य जलाने के लिए किताबें जलाना ज़रूरी है यह गीतों को याद रखनेऔर उनके समूहिक गान का समय हैक्योकि गीत ही वह मंत्र हैजिसमें हम भविष्य का आहवान करते हैंतानाशाह यह जानता हैइसलिए…

माँ : कविता

संदीप कुमार:  मुझे जो अ से ज्ञ तक आता है,उसका पूरा श्रेय मेरी मां को जाता है।मैंने जीवन में जो भी कामयाबी पाई हैहाँ मैंने अपनी मां के हाथ से बनी रोटी खाई है। मैं अगर जरा सा बीमार हो जाऊँ,तो उसकी आँखें भर आती हैं।और यदि मैं कोई शैतानी करूँ तो,मुझे मारते-मारते उसकी चूड़ियां…

सामाजिक परिवर्तन शाला में आने से मेरे अंदर आए बदलाव: श्रेया

श्रेया कुमारी: सामाजिक परिवर्तन शाला (अग्रेज़ी में स्कूल फॉर सोशल चेंज या एसएससी) के शिविर में आने के बाद मेरी ज़िंदगी मे बहुत सारे बदलाव आए है। यह पहला समय था, जब मैं अपने घर से और गाँव से इतना दूर कहीं ट्रेनिंग के लिए जा रही थी। जब मुझे यह पता चला कि मेरा…

सामाजिक परिवर्तन शाला का मेरा अनुभव : आरज़ू

आरज़ू: सामाजिक परिवर्तन शाला (स्कूल फॉर सोशल चेंज या एसएससी) के शिविरों के दौरान मुझे अपने अंदर बहुत से बदलाव देखने को मिले और साथ ही काफी कुछ सीखने को भी मिला है। एसएससी के दौरान अलग-अलग राज्यों में जाने का भी अवसर मिला और साथ ही उन राज्यों के बारे में काफी कुछ जाना-समझा। …

पढ़ने की उम्र में पेट पालने की मजबूरी

कमलजीत कौर:   “हुर्रर्रर्र… हेहेहेहे…हौ…हेहेहेहे…हौ…” सूरज ने डरावनी सी आवाज़ निकाली और देखते ही देखते बाग़ से भागते पक्षियों ने आसमान भर दिया। सूरज नाशपाती के इस बाग़ की रखवाली करता है, और बाग़ में फल खाने की नीयत से आने वाले पक्षियों को डरावनी आवाज़ें निकालकर या कमान (गुलेल) की मदद से रोड़ा (मिट्टी का…

मेरी डायरी : मानव-मूत्र यानि पेशाब की उपयोगिता

अंकुश गुप्ता: कूड़े की समस्या को समझते हुए मुझे इस बात का एहसास हुआ कि अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग पदार्थ कूड़े में जमा होते हैं। और कहीं-कहीं तो कूड़े में जमा पदार्थों की उपयोगिता के बारे में वहाँ के लोगों को एहसास तक नहीं होता। अगर एहसास होता तो यकीनन वे पदार्थ वहाँ न होते।…

खाद्य (महुआ/मड़ुआ) एवं औषधीय प्रशिक्षण:

कोर्दुला कुजूर झारखंड स्थित महुआडांड़ प्रखण्ड के पाठ आम्रगामी महिला संघ के तत्वावधान में, दिनांक 27 से 29 मई 2023 तक खाद्य प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में 24 महिलाएं और 6 पुरूष शामिल हुए। प्रशिक्षण में महुआ और मड़ुआ के विभिन्न उत्पाद –  महुआ का गुलगुला, महुआ सिरप, महुआ का बादाम…

सरलता भरी पहाड़ों की जीवनशैली – एक यात्रा वृत्तांत

सिम्मी व आफ़ाक़: वैसे तो पहाड़ों के साथ अपना रिश्ता कोई नया नहीं हैं। हिमाचल से उत्तराखंड और नेपाल के पहाड़ों में कुछ-कुछ दिनों के लिए कई अलग-अलग दोस्तों के साथ रहने का मौका मिला। इसलिए पहाड़ी जीवन और पहाड़ी लोगों से एक अपनेपन जैसा रिश्ता महसूस करता हूँ। जो भी मेरे पहाड़ी दोस्त बने…

कुछ ऐसे जंगल बचा रहे हैं झारखण्ड के बरंगा मुंडा टोला के लोग

‘ग्राम  सभा की कहानी” सीरीज़ का यह वीडियो ‘ग्राम स्वशासन अभियान’ की एक पहल है, जिसे अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से  ‘अखड़ा रांची’ द्वारा निर्मित किया गया है। इस पूरी सीरीज़ में आपको झारखण्ड के कई ऐसे गाँवों से रूबरू करवाया जाएगा जहाँ मौजूदा समय में लोग ग्राम सभा की सामूहिक शक्ति को समझ…

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