मनिषा शहारे:
मेरा नाम मनीषा है और जंगल में मिलने वाली तमाम लघु वन उपजों के साथ-साथ औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटियों और वनस्पतियों के ज्ञान की मेरी खोज जारी है। इसी संदर्भ में आज मैं हरड़ के पेड़ के बारे में बताना चाहती हूं। हम ग्रामीण क्षेत्र के लोग जंगल में जाकर सब्जी-भाजी लेकर आते हैं, जंगल में उगने वाले कई तरह के पेड़, पौधों और प्रकृती का हम आनंद लेते हैं। कभी घूमने जाते हैं तो कभी जंगल में से वन उपज लाते हैं। तो मैं भी एक दिन जंगल में सब्जी लाने के लिए गई, उस वक्त बारिश का समय था और बारिश मे हरड़ के पेड़ पर फल लगे रहते हैं। हरड़ को खांसी के इलाज के लिए खाया जाता है, इसे खाने से खांसी कम होती है।
मैंने इसका सेवन करके यह पाया कि हरड़ हमारे शरीर को बहुत फायदेमंद और गुणकारी होता है। हरड़ के पेड़ से पके हुए फल लाकर, सुखाकर उसका चूर्ण बनाया जाता है और फिर उसकी पैकिंग की जाती है। यह चूर्ण, दो साल तक भी अच्छा रहता और इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता। आजकल हम देखते हैं कि आधुनिक ज़माने मे जंगल की जड़ी-बूटी का प्रयोग लोग कम ही करते हैं और उन पर खास ध्यान नही देते हैं। मैंने खुद जंगल में मिलने वाले पेड़-पौधों और फलों से औषधी बनाने का काम किया और उसका महत्व जानने का प्रयास किया। मराठी मे हिरडा कहे जाने वाला हरड़, शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस गुणकारी हरड़ को बाज़ार से खरीदा जा सकता है।
इसके कुछ मुख्य उपयोग:
1)- किसी के पेट मे दर्द हो, या पेट सफा ना हो तो, पाचन शक्ति बदने के लिए हरड़ खाया जाता है।
2)- छोटे बच्चे हों या बुजुर्ग या फिर महीलाएं किसी को भी अगर खांसी हो तो हरड़ का चूर्ण शहद में मिलाकर खाया जा सकता है।
3)- शरीर मे खून की कमी हो तो सुबह खाली पेट एक चम्मच हरड़ का चूर्ण पानी के साथ खाएं।
4) शरीर की सूजन के लिए, या फिर नमक से शरीर में जो बीमारियां होती हैं, उनको कम करने में हरड़ का फी कारगर है क्यूंकी हरड़ में नमक का अंश नहीं होता है।