डा. गणेश माँझी: “सरना” शब्द आज पूरी दुनिया जानती है। इस शब्द के गहराई और शुरुआत में जाएँ तो शायद ही ये शब्द किसी आदिवासी

युवाओं की दुनिया
डा. गणेश माँझी: “सरना” शब्द आज पूरी दुनिया जानती है। इस शब्द के गहराई और शुरुआत में जाएँ तो शायद ही ये शब्द किसी आदिवासी
विनोद कुमार: आदिवासी समाज के शोषण-उत्पीड़न के खिलाफ अनगिनत लोगों ने संघर्ष किया और अपनी शहादत दी। कुछ को लोग जानते हैं, कुछ को कम
लाल प्रकाश राही: उन्हें भी गुमान है जश्ने आज़ादी का जिनकी जेब में चाकलेट खरीदने के पैसे नहीं हैं। उन्हे भी गुमान है जश्ने आज़ादी
सौरभ सिन्हा: झारखंड से छुड़ाए गए प्रवासी मज़दूरों की कहानी विजय* और दिव्या* की शादी कुछ साल पहले हुई थी। दोनों छत्तीसगढ़ के बलोदा बाज़ार
मंथन: कल काफिले उतरे थे सड़कों पर, कुदरती काले और साँवलेमेहनत के पसीने और धूल मिट्टी से सनेधूपजले काले साँवले कुछ मेहनतकश इंसाफपसन्द गोरे भी रंगभेद
अमित: सीता के इन्टरव्यू पर आधारित सीता अपनी नई व्हीलचेयर पाकर बेहद खुश है। खासतौर से इसलिये कि यह फ़ोल्डिंग वाली है। सीता का कहना