राजू राम: साकड़ में बंधुआ मज़दूरी और उसके उन्मूलन के मुद्दे के बारे में समझ बनाने के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न संगठनों

युवाओं की दुनिया
राजू राम: साकड़ में बंधुआ मज़दूरी और उसके उन्मूलन के मुद्दे के बारे में समझ बनाने के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न संगठनों
मज़दूर अधिकार मंच | गुजरात: आदिवासी समुदाय भारत के सबसे पिछड़े समुदाय में से है। पश्चिम भारत की विशाल आदिवासी पट्टी राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश
महिपाल मोहन: इस साल अप्रैल माह की शुरुआत में मुझे उत्तराखंड के पिंडारी ग्लेशियर के पास के खाती और बाछम गाँव में जाने का मौका
यह कविता पावरी भाषा में लिखी गयी है। यह भाषा पश्चिम मध्य प्रदेश और उससे लगे महाराष्ट्र के भील, पावरा आदिवासियों द्वारा बोली जाती है।शहरों
जागृत आदिवासी दलित संगठन: गुरुवार 25 फ़रवरी 2022 को बड़वानी ज़िले में जागृत आदिवासी दलित संगठन द्वारा आदिवासियों से बेगारी करवाने एवं मज़दूरों के साथ
कोर्दुला कुजूर: (कुड़ुख कविता) अयंग गही लोला चोन्हा अयंग नमन मेख़ा लगी ब’आ लगी,चोआ हरो हे ओरमा आलारों निजड़ा नीम एवंदा ख़ंदरओर एंदेर जिनिस बरचा