युवानिया डेस्क: देश भर में मनाया गया 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस। देखिए एक झलक अलग-अलग कार्यक्रमों की –… READ MORE
युवानिया डेस्क: पिछले एक साल में युवानिया पत्रिका में प्रकशित हुए लेख, गीत, कविता, आदि पर पाठकों के रेस्पोंस की… READ MORE
युवानिया के सभी साथियों को ज़िंदाबाद। पिछले साल जब युवानिया का पहला अंक प्रकाशित हुआ था तो साथी तेजस्विता और… READ MORE
|
मधु भील: मेरा नाम मधु भील है, मेरे गाँव का नाम केरारपुरा है जो राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले की भदेसर… READ MORE
|
अरविंद अंजुम: काश मैं सबको इस बात के लिए मना सकता कि सिविल नाफरमानी हर नागरिक का जन्मजात अधिकार है।… READ MORE
|
कविता भील: मेरे गाँव का नाम पीरखेड़ा है जो ग्राम पंचायत फाचर अहिरान में आता है। हमारी तहसील का नाम… READ MORE
|
विलास भोंगाड़े: साल 1983 में दांडेकर कमिटी ने महाराष्ट्र राज्य के विदर्भ इलाके के पिछड़ेपन के कारणों पर एक रिपोर्ट… READ MORE
आदिवासियों से ज़मीन छिनने की कहानी अमित: मध्य प्रदेश के सतना ज़िले के श्री साधूराम से सुनकर अमित ने लिखी… READ MORE
युवानिया पत्रिका, युवाओं को उनकी सोच को कलमबद्ध करने का एक मंच देने का प्रयास है। इस पत्रिका के माध्यम से हम मुख्यतः युवा मन के विचारों को सामने लाना चाहते हैं। साथ ही आस-पास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृष्य पर युवाओं के विचारों को भी साझा करना चाहते हैं।
Designed with WordPress