अमित: हमारे पड़ोसी के दो बेटे राहुल और शिवम अपनी तीन बकरियाँ हमारे खेत के किनारे चरा रहे थे। मैं उनके पास गया तो था,

युवाओं की दुनिया
अमित: हमारे पड़ोसी के दो बेटे राहुल और शिवम अपनी तीन बकरियाँ हमारे खेत के किनारे चरा रहे थे। मैं उनके पास गया तो था,
इस गीत को डॉ. सुरेश डुडवे ने लोहंग्या बाई (ग्राम साकड़) से सुनकर लिखा है । मध्य प्रदेश राज्य आदिवासी बाहुल्य राज्य है। यहाँ पर
शांता: मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के एक पहाड़ी ग्राम के पति और पत्नी, गुजरात में भाग (बंटाई) पर खेती करने गये थे। कुछ समय
गीता ब्राह्मणे: इस कार्यक्रम के तहत हम नवजात शिशुओं से लेकर 18 साल के बच्चों तक का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं। इसमें गंभीर बीमारी वाले
एम.जे. वास्कले: मेरे एक पड़ोसी हैं रामू, जो एक किसान हैं और अपनी पत्नी कमला के साथ रहते हैं। उन्हें मैं रामू काका और कमला
युवनिया के उन्नीसवें संस्करण में मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के साथी सुरेश द्वारा लिखे लेख – आदिवासियत को बचाने में अहम भूमिका निभाती ढास/लाह