शुभम: समाज कार्य के अंतिम सेमेस्टर में मुझे एक प्रकरण लिखने का मौका मिला। प्रकरण की थीम थी- बुजुर्गों की मनोसामाजिक स्तिथि। प्रकरण लिखने के

युवाओं की दुनिया
शुभम: समाज कार्य के अंतिम सेमेस्टर में मुझे एक प्रकरण लिखने का मौका मिला। प्रकरण की थीम थी- बुजुर्गों की मनोसामाजिक स्तिथि। प्रकरण लिखने के
शुभम: तुम मौज उड़ाया करते होतुम मौज उड़ाया करते होयूं धुआं उड़ाए जाते हो, तेल का दाम बढ़ाए जाते होयूं लहू बहाए जाते हो, यूं
शुभम पांडे: भारतीय समाज के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो हमेशा से ही शादी-विवाह, समाज में यश स्थापित करने और परिवार की समृद्धि जताने और
शुभम पांडे: त्यौहार घरों में नई खुशियां लाने का एक ज़रिया होते हैं, फिर अगर दिवाली की बात हो तो सभी इसकी चमक दमक से
युवानिया डेस्क: युवानिया के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में तीन दिवसीय लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया, लगभग 25 युवाओं ने इसमें भाग
(किसान आन्दोलन के समर्थन में लिखी गई एक कविता) तेज़ झोंके हवाओं के आते रहे; और पानी बरसता रहा रात भर। जितने मेरे डर थे