आज न वो घुघुती रही और न आसमान में कौवे

महिपाल: उत्तराखंड के कुमाऊँ और गढ़वाल क्षेत्र में मकर संक्राति के दिन मनाये जाने वाले त्यौहार ‘उत्तरैणी’ और ‘मकरैणी’ का खासा महत्व है। गढ़वाल में

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उत्तराखंड के खाती गाँव के युवा क्यूँ नहीं करते पलायन?

महिपाल मोहन:  इस साल अप्रैल माह की शुरुआत में मुझे उत्तराखंड के पिंडारी ग्लेशियर के पास के खाती और बाछम गाँव में जाने का मौका

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नागपुर, महाराष्ट्र में जुटे 12 राज्यों के 135 साथी, पढ़ा संविधान का पाठ

शशांक शेखर और महिपाल: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में व्यक्त संकल्पों में से एक- स्वतंत्रता को मनुष्य का एक ऐसा प्राकृतिक अधिकार बताया गया, जिसका

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‘काफल पाको, मिन नी चाखो’ उत्तराखंड की एक मार्मिक लोककथा

महिपाल: चैत का महीना शुरू होने वाला है और इन दिनों उत्तराखंड के जंगलों में काफल का फल पकने को तैयार है। काफल पर एक

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हसदेव बचाओ पदयात्रा: जंगल बचाने के लिए गाँधीवादी सत्याग्रह

महिपाल:  जल-जंगल-ज़मीन बचाने के लिए हसदेव बचाओ पदयात्रा की शुरुआत 4 अक्टूबर को हसदेव अरण्य क्षेत्र के मदनपुर गाँव के उस स्थान से हुई, जहाँ साल

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उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद और जौनपुर से; उत्तराखंड के अल्मोड़ा से – कोरोना रिपोर्ट

गुफ़रान सिद्दीकी; फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश: पिछले वर्ष कोविड महामारी का पहला हमला जब देश पर हुआ तब लगा कि देश इससे उबर नहीं पाएगा। सरकार

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