चुनावी समर सर पर है, ऐसे में नागरिकों की ज़िम्मेदारी पर एक लेख। इशान खापर्डे: प्रस्तावना :- वर्ष 2024 में होने वाले… READ MORE
अनुज बेसरा: पुरखों ने कहा थाप्रकृति से जुड़े रहना।पुरखों ने कहा थाप्रकृति से जुड़े रहना। रोज़ सुबह उठकर बुधनीखुले बाल,… READ MORE
दशरथ भाऊ: आज पासून मी माझ्या जीवनातील वेगवेगळे प्रसंग, अनुभव आणि घडामोडी, तसेच माझे सामाजिक परिवर्तनाच्या लढ्यातील योगदान; माझे सहकारी,… READ MORE
यशवर्धन सिंह और सुनील कुमार: “जल ही जीवन है”, हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं। जहाँ पानी होता… READ MORE
ललित कुमार उप्रेती: नवंबर में उत्तराखंड के कानिया क्षेत्र और उसके आस पास के ग्रामीण इलाकों में बाघ का आतंक… READ MORE
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ज्योति व शैलेश, बहराइच, उत्तर प्रदेश मुझे मेला देखना और मेले में छोटे-छोटे सामान खरीदना बहुत ज़्यादा पसंद है। जब… READ MORE
युवानिया डेस्क (री-पोस्ट): रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित “दीन दान” एक सामयिक कविता है। रवीन्द्रनाथ टैगोर “दीन दान” कविता के माध्यम… READ MORE
महिपाल मोहन: शिक्षा पाना हर एक बच्चे का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन क्या स्कूल चले जाने मात्र से ही वो… READ MORE
युवानिया पत्रिका, युवाओं को उनकी सोच को कलमबद्ध करने का एक मंच देने का प्रयास है। इस पत्रिका के माध्यम से हम मुख्यतः युवा मन के विचारों को सामने लाना चाहते हैं। साथ ही आस-पास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृष्य पर युवाओं के विचारों को भी साझा करना चाहते हैं।
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