पारंपरिक रोज़गार और हुनर को बचाने में भूमि अधिकारों का महत्व

जुहेब आज़ाद: बुनकर समुदाय के लोग अपने असाधारण बुनाई कौशल के लिए जाने जाते रहे हैं, भारत के पारंपरिक कपड़ा उद्योग की समृद्ध विरासत का

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चित्तौड़गढ़ में शंभू लाल भील के सामुदायिक प्रयास: स्वास्थ्य सेतु की एक रिपोर्ट

चित्तौड़गढ़ में शंभू लाल भील, स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ पाने हेतु अति गरीब लोगों को शासकीय सेवाओं से जोड़ने के प्रयास में लगे हुए हैं।

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बिहार के गया ज़िले से सामाजिक परिवर्तन शाला के प्रतिभागी ब्रजेश का परिचय

ब्रजेश कुमार निराला: मेरा जन्म 1 जनवरी 2005 को बिहार के गया ज़िले के गम्हरिया गाँव में हुआ था। मेरे पिता का नाम मिथिलेश कुमार

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सांप्रदायिकता पर मज़ेदार व्यंग्य है शॉर्ट फिल्म “पंडित उस्मान”

फरीद आलम: शाॅर्ट फिल्म “पंडित उस्मान” से व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता-अखण्डता को विकसित करने वाली बंधुता की समझ का प्रयास। अकरम हसन

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गोंदिया (महाराष्ट्र) के नांगलडोह गाँव की दयनीय हालत का जिम्मेदार कौन?

मनीषा शहारे: नांगलडोह गाँव, महाराष्ट्र के गोंदिया ज़िले के अर्जुनी मोरगाँव तालुका में आता है। यह गाँव 10 किमी दूर स्थित भरनोली गाँव की ग्रामपंचायत

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