अमित: हमारे पड़ोसी के दो बेटे राहुल और शिवम अपनी तीन बकरियाँ हमारे खेत के किनारे चरा रहे थे। मैं उनके पास गया तो था,

युवाओं की दुनिया
अमित: हमारे पड़ोसी के दो बेटे राहुल और शिवम अपनी तीन बकरियाँ हमारे खेत के किनारे चरा रहे थे। मैं उनके पास गया तो था,
कंवर समाज के लोगों का अलग ही नियम और कानून चलता हैl इस समाज में देश के संविधान का ज़्यादा महत्व नहीं है, क्योंकि इस समाज के अपने नियम हैंl
आलोक मौर्य: प्राचीन जंगल में शासकों ने स्वयं के कल्याण हेतु तथा आम जनता का शोषण करने के लिए विभिन्न प्रकार की विधियों का निर्माण
अरबिंद भगत: हम अच्छे भले जी रहे थेइस दुनिया से दूर,जिसे सभ्य कहा जाता है आज। हम जी रहे अपनी ज़िंदगी,उन जंगलों के साथ,जो हमें
यह कविता पावरी भाषा में लिखी गयी है। यह भाषा पश्चिम मध्य प्रदेश और उससे लगे महाराष्ट्र के भील, पावरा आदिवासियों द्वारा बोली जाती है।शहरों
शिवजी किराड़े: गुजरात के महीसागर जिले के कडाना डैम के पास स्थापित आदिवासी वीर शहीद क्रांतिसूर्य भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने