संविधान साक्षर होऊ लागल्या महिला…

दिपक कांबळे: संविधान आपल्या जीवनाबरोबर आणि जीवनानंतरही आहे। आपल्या जन्मा आधीपासून ते मृत्यूनंतर सुद्धा संविधान आपल्या सोबत असते, आपल्या हितासाठी विकासासाठी, आपल्या हक्काच्या संरक्षणासाठी, माणूस

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सामाजिक परिवर्तन शाला में आने से मेरे अंदर आए बदलाव: श्रेया

श्रेया कुमारी: सामाजिक परिवर्तन शाला (अग्रेज़ी में स्कूल फॉर सोशल चेंज या एसएससी) के शिविर में आने के बाद मेरी ज़िंदगी मे बहुत सारे बदलाव

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घर के तनाव से दूर भागी अनामिका लेकिन … 

किसी तरह अनामिका का मामला सुलट तो गया, लेकिन इसमें न फंसती तो अनामिका जैसी तेज़ लड़की कितना कुछ कर लेती। मजबूरी में उसे इतनी कम उम्र में घर गृहस्थी के चक्कर में पड़ना पड़ गया।

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ग्राम सभा में मज़बूत उपस्थिती दर्ज़ कराती चैनपुर झारखंड की आदिवासी महिलाएं  

‘ग्राम  सभा की कहानी” सीरीज़ का यह वीडियो ‘ग्राम स्वशासन अभियान’ की एक पहल है, जिसे अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से  ‘अखड़ा रांची’ द्वारा

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साहस की जीती जागती मिसाल है अररिया की मांडवी

जब मांडवी बीडीओ के दफ्तर पहुंची तो उसके स्टाफ ने कहा कि 1100 रुपए देंगी तो आपको जोड़ देंगे। यह सुनकर मांडवी बोली, “हम यहाँ बिकने के लिए नहीं आए हैं, जो करते हैं अपनी मर्ज़ी से करते हैं। हमें नहीं करनी आपकी नौकरी, हमें जो काम अच्छा लगेगा वही काम करेंगे।”  

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हमारे झिरी गाँव की महिलाओं को शिक्षा से मिला है नया आत्मविश्वास

बचपन में मैं सरकारी विद्यालय में पढ़ती थी तो वहाँ हमारे साथ जाति के आधार पर भेदभाव किया जाता था, अध्यापकों द्वारा भी और बच्चों द्वारा भी I

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