यह किताबों को कंठस्थ करने का समय है: कविता

मनीष आज़ाद: यह किताबों को कंठस्थ करने का समय हैक्योंकि किताबों को जलाने का आदेश कभी भी आ सकता हैतानाशाह को पता हैभविष्य जलाने के

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सामाजिक परिवर्तन शाला से जुड़ने के बाद मेरे अंदर हुए बदलाव – आदिल

संगठनों के बीच नेतृत्व निर्माण की प्रक्रिया को शुरू करने के विचार से एक पहल के रूप में सामाजिक परिवर्तन शाला, एसएससी (अंग्रेज़ी में –

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सामाजिक परिवर्तन शाला से जुड़ने के बाद मेरे अंदर हुए बदलाव – पार्वती

संगठनों के बीच नेतृत्व निर्माण की प्रक्रिया को शुरू करने के विचार से एक पहल के रूप में सामाजिक परिवर्तन शाला, एसएससी (अंग्रेज़ी में –

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अवध पीपल्स फोरम से अयोध्या की आरज़ू का परिचय

आरज़ू : मेरा नाम आरज़ू है, मैं अयोध्या ज़िले से हूँ और अभी पढ़ाई कर रही हूँ। मेरे घर पर हम छः लोग हैं- मम्मी-पापा,

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अनायास : गांधीजी के लिए क्या थे ईश्वर के मायने

अरविंद अंजुम: “मैं सत्य का एक विनम्र शोधक हूं। इसी जन्म में आत्मसाक्षात्कार के लिए मोक्ष प्राप्त करने के लिए आतुर हूं। करोड़ों गूंगी जनता

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