सुरेश डुडवे:
अब आ गया समय
अब नहीं तो कब
अब आ गया समय
नींद से जगने का
अपने आप को पहचानने का
अपने इतिहास को जानने का
अपनी संस्कृति, भाषा
अस्मिता को बचाने का
अब आ गया समय
अब नहीं जागोगे तो कब
अब जागना होगा
उठो, जागो, पढ़ो-लिखो
शोषण के खिलाफ लड़ो
अन्याय के खिलाफ बोलो
अब आ गया समय
अपनी लेखनी को
अपनी ताकत बनाओ
अब आ गया समय ।