सोच बदले बिना कानून बेकार साबित होगा

कृष्णा, कक्षा 8

मेरा नाम कृष्णा है। मैं आपको अपने विचार बताना चाहती हूं, इस बारे में कि जो सरकार ने विवाह की आयु पहले 18 की थी, अब 21 कर दी है। मेरा तो यह मानना है कि जब सरकार ने 18 की उम्र की थी तब सिर्फ गाँव में 13-14 साल की लड़की की शादी करवा देते थे। लेकिन जब इस कानून के बारे में गाँव-समाज में पता चलेगा तो लोग शायद इस बात को मानेंगे, क्योंकि उनको अपनी लड़की के लिए डर रहता है। तो इसलिए वह 14-15 में शादी करवाते हैं। पर अगर अब उम्र 21 कर दी जायेगी, तो परिवार वाले अब 16-17 की उम्र में करने लग जायेंगे अपनी बेटियों की शादी। जो लड़कियाँ शहर में रहती हैं वो तो वैसे भी पूरी पढ़ाई करके ही शादी करती हैं, इसलिए शायद उन पर इतना असर न हो।

मेरा तो ये मानना है कि जो सरकार ने ये नया कानून बनाया है, वो तो एक तरह से सही है, क्योंकि इसके कारण जो लड़कियाँ पढ़ना चाहती है वो अपनी पढ़ाई पूरी कर पाएंगी।

ये कानून बन जाने के बाद गाँव में तो इस बात का कुछ लोगों पर ही असर होगा, क्योंकि अपनी परंपरा तो यही है कि लड़की की शादी 15 की उम्र में हो जाए। जब कानूनन 18 साल की उम्र तय था, तब भी गाँव में 12 से 15 उम्र के भीतर ही लड़कियों की शादी करवा देते हैं। इस नए कानून से भी क्या ही असर होगा। हां ये बात है की 99% नहींही तो कम से कम 10% लोगों पर इसका असर ज़रूर होगा। 

अगर गाँव में जाकर इस नए कानून के बारे में लोगों को समझाया जाएगा तो भी लोग नहीं मानेंगे, क्यूंकी आज भी गाँव में लोग सोचते हैं की लड़की 12 साल की हो गई है तो तुरंत शादी करवा देनी चाहिए । पर वह भी क्या कर सकते हैं, उनकी भी लड़की के प्रति कुछ ज़िम्मेदारियां हैं जो उनको निभानी पड़ती हैं। परिवार को भी डर होता है कि लड़की जवान है कुछ हो ना जाये? ये सब बातें सोच कर शादी करवाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। किन्तु यह जो कानून आया है इस कानून से लोगों के मन में सरकार और पुलिस का डर होगा तो शायद लोग इस डर से कम उम्र में ही शादी ना करवाएं। 

हाँ, गाँव में इस कानून का असर ऐसा होगा कि लोग छुपकर शादी कराएंगे। मेरे ख्याल में सरकार ने अगर लड़कियों के बारे में सोचकर ही यह कानून बनाया है तो एक तरह से सही ही होगा। इस बारे में अगर मास्टर जी कहेंगे तो गाँव जाकर अगर बच्चे अपने घर पर बताएँगे की मास्टर जी कह रहे थे की शादी 21 वर्ष के होने पर ही अब लड़कियों की शादी कर सकते हैं तो माँ-बाप इस बारे में अपने आस-पड़ोस या रिश्तेदारों से बात करेंगे तो इसका असर होगा। वह सोचने पर मजबूर भी होंगे। मास्टर जी के माध्यम से इस बात को गाँव में फैलाना चाहिए। 

अगर इस कानून का गांव-गाँव में जाकर प्रचार किया जाए तभी इसका फायदा होगा। कानून का फायदा लोग नहीं जानते हैं। लोगों की सोच बदल जाएगी तो लोग छोटी उम्र में शादी करना बंद करेंगे नहीं तो नहीं करेंगे। 

कानून है तो ठीक पर इस कानून का गाँव के लोगों पर कोई असर नहीं होगा। तो इस कानून से पुलिस क्या कुछ बाल विवाह रोक पाएगी? देश में कितने ही गाँव हैं, जहाँ एक ही समय में कितने बाल विवाह होते हैं। हर जगह पुलिस तो नहीं जा सकती। इसलिए लोगों की सोच बदल दी जाए तो लोग छुपकर शादी नहीं करेंगे। आज भी लोग शिक्षा के प्रति जागरूक नहीं हैं तो शिक्षा के प्रति जागरूक होने की ज़रूरत है। लोग कहते तो हैं कि हम लोग बाल विवाह नहीं करेंगे पर उनकी सोच तो वही है। सरकार अगर कुछ ऐसा करें कि लोगों की सोच बदल जाए, बाल विवाह होना बंद हो जाएगा। 

वैसे मेरे ख्याल से कानून का असर हो, इसकी सरकार की ज़िम्मेदारी है कि पूरे देश में इस बात का असर होना चाहिए, क्योंकि लोगों की सोच बदल दी जाए तो बाल विवाह बंद हो जाएंगे।  सरकार को लोगों की सोच के बारे में कुछ सोचना चाहिए जो सरकार लोगों की सोच नहीं बदल पाएगी वह सरकार क्या काम करेगी। कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे अच्छा नहीं, बहुत अच्छा होना चाहिए। वैसे ठीक है, सरकार लोगों के बारे में सोच रही तो आगे कुछ ऐसा सोचना चाहिए लोग जागरुक भी हो और उनकी सोच भी बदल जाए।

फीचर्ड फ़ोटो आभार: विकीमीडिया

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