18 से 21 का कठिन सफ़र

प्रेरणा:

अभी सुन रहे हैं कि सरकार ने एक नया बिल पेश किया है जिसमें लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष की जानी है। 

मैं राजस्थान के चित्तौड़गढ़ ज़िले की भदेसर तहसील में रहती हूं। आए दिन मुझे यह देखने को मिलता है कि लड़कियों की कम उम्र में शादी कर दी जाती है। 10 से 12 साल की उम्र में लड़कियों को ससुराल भेज देते हैं। बहुत बार ऐसा होता है कि उसे वह लड़का पसंद नहीं आता है तो वह दूसरे लड़के के साथ बस जाती है। जिससे लड़की के घर वालों को लड़के से नाता तोड़ना पड़ता है। उस नाते की रकम अभी बढ़कर दो लाख रुपए हो गई है जो रिश्ता टूटने पर लड़की के पिताजी को देनी पड़ती है, लड़के वालों को।

अभी कुछ दिन पहले ही यहां पास के एक गांव की लड़की, जिसका बाल विवाह हुआ था, किसी और के साथ चली गई। अब उसके ससुराल वाले, उसके माता-पिता को झगड़े के लिए तंग कर रहे हैं। लड़की के पिता के पास एक बीघा ज़मीन है, जिसे बेचकर वह झगड़े को तोड़ेगा।

यहां के समाज में लड़कियों की छोटी उम्र में ही शादी कर देते हैं। ये लोग 18 वर्ष तक ही नहीं रुकते तो 21 साल तक क्या रुकेंगे! उनके सामने कई परेशानियां खड़ी रहती हैं। वे कहते हैं कि हमें बाद में लड़का नहीं मिलता है या कहते हैं कि लड़कियों की हम ज़्यादा दिनों तक रखवाली नहीं कर पाते हैं। 

आज भी यहां आस-पास में बाल विवाह होते हैं और सब सरकार से छुपकर करते हैं। खर्चा बचाने के लिए, बड़ी बहन के विवाह के साथ ही छोटी बहन का भी विवाह कर देते हैं।

सरकार ने इक्कीस वर्ष का नियम बना दिया है लेकिन यदि समाज चाहेगा तो ही परिस्थितियां बदलेंगी, नहीं तो, नहीं बदलेंगी। केवल कानून बदलने से स्थितियां नहीं बदलेंगी।

मेरे पास पूजा बैठी है। इसकी मम्मी भी किसी और के साथ चली गई जिसकी वजह से पूजा की 10 साल की उम्र में ही शादी कर दी। आज यह 16 साल की है। वो घरवालों को माना रही है कि 18 साल तक ससुराल न भेजें। अब पूजा को और तीन साल के लिए रुकने के लिए मनाना पड़ेगा। यह 18 से 21 वाला सफर तय करना बहुत मुश्किल होगा। इसके लिए पूजा और इसके समाज की लड़कियों को बहुत लड़ना पड़ेगा।

फीचर्ड फ़ोटो आभार: इंडियास्पेंड

Author

  • प्रेरणा / Prerna

    प्रेरणा, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ ज़िले से हैं और सामाजिक परिवर्तन शाला से जुड़ी हैं। वह भदेसर गाँव में शुरू हुआ स्थानीय स्कूल- आधारशिला विद्यालय में शिक्षिका हैं। प्रेरणा खेतिहर खान मज़दूर संगठन के साथ जुड़कर स्थानीय मुद्दों पर काम भी कर रही हैं।

Leave a Reply