सायसिंह मुजाल्दे:

कोरोना संक्रमण ने भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में त्राहि-त्राहि मचा दी। तमाम देशों की सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर इस संक्रमण को रोकने का प्रयास किया। निजी व सरकारी संस्थाओं को बंद करने के फै़सले लिए गए।  कुछ संस्थाएं अभी भी बंद हैं। शिक्षण संस्थानों के बंद होने के कारण शिक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ा। लगभग डेढ़ साल से बच्चे शिक्षा से अछूते हो गए जिसके कारण वे शिक्षा के रास्ते से भटकने लगे हैं। 

ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों पर स्कूलों के बंद होने का अधिक प्रभाव पड़ने लगा। इन हालातों को देखते हुए मैंने बच्चों के लिए ग्राम धवली में ‘वीर बिरसा अकादमी’ नाम से नि:शुल्क कोचिंग की शुरूआत की। शुरूआत में धवली से विद्यार्थी कोचिंग के लिए आने लगे। फिर धीरे-धीरे आसपास के गांवों पांजरिया, धावड़ा, कामोद, पन्नाली, बिलवा, नाहलबंद, सोनखेड़ी, चिरमिरिया, खोखरआंबा, डुबझिरी, रूलिबढ़, खोखरी, गेरूघाटी व मटियामेल से भी बच्चे आना शुरू कर दिए। मैंने 7 माह तक सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चौथी कक्षा से 12वीं कक्षा तक के लगभग 300 विद्यार्थियों को कोचिंग दी।     

साथ ही मैंने प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी भी करवाई जिसके फलस्वरूप आठ बच्चों का मॉडल व उत्कृष्ट विद्यालय के लिए चयन हुआ। इससे मुझे व उनके परिवार के लोगों को बहुत अधिक प्रसन्नता हुई क्योंकि इन परीक्षाओं में गिने- चुने विद्यार्थियों का ही चयन होता है। मैं चाहता हूँ कि इसी प्रकार पढ़े-लिखे लोग अपने आस-पास के बच्चों को जितना हो सके पढ़ाने में सहयोग करें तभी शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा।  

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  • सायसिंह / Saaysingh

    सायसिंह, मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले से हैं। उन्होंने वीर बिरसा अकादमी नाम से एक पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत वह बच्चों को निःशुल्क कोचिंग देने का सराहनीय काम कर रहे हैं।

    Saaysingh

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