गोवर्धन:
ऐ फाल्गुण-फाल्गुण करे छौरा, फाल्गुण-फाल्गुण करे छौरा।
फाल्गुणियों फाडुके है, फोयरा** फकड़ भोइरा।
उई, उई, उई।***
ऐ बी मुड वालो ढूल है छोरा, बी मुड वालो ढूल है छोरा।
हुबडाक-हुबडाक बाजे है, फोयरा फकड़ फोइरा।
उई, उई, उई।
ऐ ढूल कूडी वाली हमसे छोरा, ढूल कूडी वाली हमसे छोरा।
हमसे ने हमसे डाकसे होय, फोयरा फकड़ भोइरा।
उई, उई, उई।
ऐ उली ने उली करे छोरा, उली ने उली करे छोरा।
उली ते रमणी रेई गई है, फोयरा फकड़ फोइरा।
उई, उई, उई।
ऐ धीमे रे धीमे डाकसे छोरा, धीमे रे धीमे डाकसे छोरा।
चीता ते नाकी करे होय, फोयरा फकड़ फोइरा।
उई, उई, उई।
ऐ आज मतथ फिरे मलह छोरा, आज मतथ फिरे मलह छोरा।
उली ते रमी लिजे होय, फोयरा फकड़ फोइरा।
उई, उई, उई।
हिन्दी अनुवाद: होली के त्यौहार पर गाए जाने वाले इस भीली गीत में कहा गया है कि-
जिस फागुन महीने का हम लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे, वह अब आ गया है। दो मुंह वाला ढ़ोल है जो हुबडाक-हुबडाक की आवाज़ में बजता है।
जो होली-होली कर रहे हो, वह होली खेलना तो अभी बाकी है।
धीरे-धीरे नाचना है, कोई चिंता नहीं करनी है।
आज मिले हैं तो फिर जाने कब मिलेंगे। होली में जो नाचना-कहना है, वह सब कर लो।
फोयरा** यह भील आदिवासी समुदाय का रणघोष है, जिसके साथ ही उई उई उई*** का इस्तेमाल किया जाता है।
