यशोदा गुर्जर: बडी महकती सी सुबह थी एक दिन। धीरे-धीरे चिड़िया चहकती हुई मेरे पास आकर बैठी और मुझे अपनी… READ MORE
युवानिया पत्रिका, युवाओं को उनकी सोच को कलमबद्ध करने का एक मंच देने का प्रयास है। इस पत्रिका के माध्यम से हम मुख्यतः युवा मन के विचारों को सामने लाना चाहते हैं। साथ ही आस-पास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृष्य पर युवाओं के विचारों को भी साझा करना चाहते हैं।
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