चाँदनी कुमारी:
इस घड़ी में भी पापा का मुस्कुराता हुआ चेहरा बहुत कुछ बयां कर रहा है। उन्हें जरा सा भी अफसोस नहीं है कि उनकी गिरफ्तारी हुई है। उन्हें गर्व है कि सच्चाई और अच्छाई का साथ निभाने के कारण उन्हें जेल में डाला गया है। पुलिस-प्रशासन कैसे पैसे लेकर सच्चाई को दबा देते हैं, इससे साफ समझने को मिलता है।
यह मामला अररिया ज़िले के सिकटी थाने का है। आमगाछी पंचायत के उफ़्रेल चौक के पास स्टेट बैंक के बगल से एक गली का रास्ता अंदर गया है और वह गली सभी के घर जाने का रास्ता है। उसी तरफ करीब 10 घर अंदर की तरफ हैं, जिनको इस रास्ते की ज़रूरत है। पापा ने इस रास्ते के लिए लंबी लड़ाई लड़ी ताकि अंदर में जिसके भी घर है उनको आने-जाने में आसानी हो। अगर किसी के घर परिवार में शादी-विवाह या कोई अन्य फंक्शन (समारोह) होता है तो उन्हें थोड़ी सुविधा हो जाएगी। इस लड़ाई में सभी साथियों के सहयोग से जीत हुई, साथ ही उस गली के रास्ते पर मनरेगा कानून के तहत अब सड़क भी बनाई जा रही है। पापा के साथ जितने भी जन जागरण शक्ति संगठन के साथी जुड़े हैं, उन सभी साथियों ने इस प्रकिया को जारी रखा है और सड़क बनाई जा रही है।
इसके बाद एक पड़ोसी जिनका नाम अमरेंद्र पासवान है, उन्होंने उच्च जाति के लोगों के बहकावे में आकर झूठा केस किया कि मेरे बेटी और बहन के साथ छेड़छाड़ की गई है। पापा से आमगाछी पंचायत के लूटने वाले अधिकारी से लेकर पंचायत के बिचौलिए तक सभी खफा थे। पापा लगातार अन्याय और शोषण के खिलाफ सशक्त संघर्ष कर रहे थे और कई लोगों को सही रास्ता दिखा रहे थे, जिससे लोगों में एकता बनी। इस कारण बिचौलिए और घूसखोर, पुलिस-प्रशासन की कमाई अब रुकने लगी। अमरेन्द्र पासवान द्वारा दायर किए गए झूठे केस का फायदा इन सभी लोगों ने उठाया और पापा को जेल भिजवा दिया गया।
खैर कोई बात नहीं, मेरे पापा ऐसी परिस्थिति से एकदम भी नही घबराते हैं। उनका हँसता हुआ चेहरा हम सभी को बहुत हिम्मत दे रहा है। सच्चाई को परेशान किया जा सकता है, लेकिन सच्चाई को मिटाया नही जा सकता। उम्मीद है कि पापा जल्द ही वापस लौटेंगे, और अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
ज़िन्दाबाद!