गोपाल पटेल:
साहब यहाँ तो घोषणाएँ होती हैं।
अमल होना तो, बाकी है।
बेरोज़गार युवा आस लगाए बैठे हैं।
इस उम्मीद में…
कि घोषणा वीर मामा…
नौकरी निकालेगा…
इस उम्मीद में…
नौजवान एक आशा, उम्मीद, हौसला अफज़ाई करके
लगातार…
प्रयास कर रहा हैं…
कई बार अपनों से और दूसरों से…
बहुत कुछ सुनना पड़ता है।
फिर भी…
चुपचाप सहन कर लेता है…
फिर से अपने हौसले के साथ…
लग जाता है…
फीचर्ड फोटो आभार: हिंदुस्तान टाइम्स