अमित: 

पीट सीगर का जन्म अमरीका के न्यू यॉर्क शहर में 3 मई, 1919 को हुआ। वे गीत लिखते थे और गाते थे। 1940 में पीट ने एक ग्रुप बनाया – ऐल्मनैक सिंगर्स। यह ग्रुप अन्याय के विरोध के गीत लिखते थे और गाते थे। नये ज़माने के आंदोलनों में गाये जाने वाले ये एकदम शुरूआत के गीत माने जाते हैं। ये लोग अधिकतर यूनियनों के प्रदर्शनों, हड़तालों और आंदोलनों में गाते थे। 

दूसरे विश्व युद्व के समय पीट फौ़ज में भर्ती हो गए, तब यह ग्रुप बिखर गया। बाद में उन्होंने एक और ग्रुप बनाया जिसका नाम था ‘द वीवर्स’। पीट कम्यूनिस्ट पार्टी के सदस्य थे। विश्व युद्व के बाद अमरीका में कम्यूनिस्टों को ढूँढ कर पकड़ा जा रहा था और मारा जा रहा था या उन पर मुकदमे चलाए जा रहे थे। अमरीका को लगता था कि कम्यूनिस्ट विचारधारा के लोग, अमरीका की ताकत को कमज़ोर बना रहे हैं। उस समय एक अमरीकी रिपोर्टर ने पीट सीगर के बारे में लिखा और उनके ग्रुप वीवर्स पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया। यह पहला संगीत ग्रुप था जिस पर देशद्रोह का मुकदमा चला। 

अमरीका में मनोरंजन उद्योग से जुड़े सभी कम्पनी मालिकों को एक पर्चा भेजा गया जिसमें 150 ऐसे गायकों के नाम थे जो अमरीकी सरकार के अनुसार अपने गीतों के माध्यम से कम्युनिस्ट विचारों को फैला रहे थे।

उस समय तक पीट सीगर के ग्रुप द वीवर्स के 40 लाख रिकॉर्ड बिक चुके थे। इसी बात से इनके गीतों की लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। लेकिन इनके खि़लाफ़ सरकारी फ़र्मान के चलते सभी रेडियो स्टेशनों ने इनके गाने बजाना बंद कर दिया। टेलिविज़न पर गाने के लिये भी इन पर बैन लगा दिया गया। 

पीट और उनके साथियों नें अफ्रीकी मूल के अमरीकियों के नागरिक हकों के आंदोलन के लिये, मज़दूर आंदोलन के लिये अनेकों गीत लिखे जो लाखों आंदोलनकारियों द्वारा रैलियों में गुनगुनाये जाते थे और जिन्हें वे अपने बच्चों को सिखाते थे।

अपने कम्यूनिस्ट विचारों के कारण सीगर को एक मंत्रियों की जाँच कमिटी के सामने सफ़ाई देने के लिये बुलाया गया, लेकिन उन्होने वहाँ जाने से मना कर दिया। 1955 में उन्हे कोर्ट की अवमानना के लिये एक साल की जेल की सज़ा सुना दी गई। सीगर ने इस सुनवाई में अमरीका के संविधान में अपने विचारों की अभिव्यक्ति की आज़ादी की दलील दी। दुनिया भर में सीगर को जेल में डालने का विरोध हुआ और इस केस को रद्द कर दिया गया।

सीगर जेल से तो रिहा कर दिये गये लेकिन 1960 तक उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। वे केवल कॉलेजों में और छोटी सभाओं में गा सकते थे किसी हॉल या थियेटर में नहीं। 

सीगर मानव अधिकार आंदोलन के एक प्रबल नेता और प्रवक्ता भी थे। उनके द्वारा गाया गया गीत ‘वी शैल ओवरकम’ पूरे दुनिया के आंदोलनों का मुख्य गीत बन गया। इस गीत का हिंदी अनुवाद – हम होंगे कामयाब अपने देश में भी बहुत लोकप्रिय है। इस गीत की धुन और शब्द भी कुछ पुराने गीतों से प्रेरित थी।

पीट सीगर की गायन शैली अमरीकी लोक संगीत से प्रभावित थी। वे अपने आप को एक लोक गायक ही मानते थे। उन्होने बहुत से लोक गीतों का संग्रह किया और आम लोगों के गीतों को सुनने में उनकी बहुत रूचि थी। लोग अपनी ज़िंन्दगी को गीत में कैसे पिरोते हैं यह बात लोक संगीत की बुनियाद है। अपनी बात कहने का लोगों का एक अलग मुहावरा होता है, एक अलग अंदाज़ होता है। लोगों के आंदोलनों के गीत भी उनके के इसी अंदाज़ के हों, यह भी एक महत्वपूर्ण बात है।

2009 के एक भाषण में उन्होंने कहा, “मेरा काम है लोगों को दिखाना कि दुनिया में बहुत अच्छा संगीत मौजूद है और यदि उसका उपयोग सही तरीके से किया जाये तो शायद हम इस धरती को बचा सकते हैं।”

1994 में सीगर को अमरीका के, कला के क्षेत्र में दिए जाने वाले सबसे बड़े पुरस्कार से नवाज़ा गया। उसी वर्ष उन्हे ‘नैशनल एंडोवमेंट फॉर द आर्ट्स, नैशनल मेडल ऑफ आर्ट्स भी प्राप्त हुआ। जनवरी 1996 में उनका नाम रॉक एंड रोल हॉल ऑफ फेम में दर्ज किया गया। 1990 तक सीगर अपने गीत दुनिया को सुनाते रहे। उन्होंने दो पीढ़ियों को अपने गीतों से प्रेरित किया और संगीत की ताकत का एहसास दुनिया को करवाया।

Author

  • अमित / Amit

    अमित, सामाजिक परिवर्तन शाला से जुड़े हैं और मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले में एक वैकल्पिक शिक्षा के प्रयोग पर शुरू हुआ स्थानीय स्कूल – आधारशिला शिक्षण केन्द्र चलाते हैं।

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