शादी की उम्र को 18 से 21 कर देने पर उत्तर प्रदेश से लड़कियों के विचार

नाजमीन:

मेरा ये मानना है कि लड़कियों को पढ़-लिख कर आगे बढ़ने का पूर मौका मिलना चाहिए। इसलिए कि मेरी शादी 17 साल में हो गई और मेरा खुद का जीवन कुछ अच्छा नहीं गुजरा है। मेरे मन में यही चलता रहता है कि शायद मुझे थोड़ा और टाईम मिलना चाहिए था पढ़ने का।

कुछ लोग गरीबी के कारण सोचते हैं कि चलो लड़की की शादी करो, फुरसत मिल जाए!! आज का सोचते हैं, वे लड़की की आगे की ज़िन्दगी के बारे में नहीं सोचते हैं। तो उन लोगों को चाहिए कि ज़्यादा जल्दी शादी न करें और मौका दें और लड़कियो की मर्ज़ी से ही उनकी शादी करें।

लड़कियों को भी चाहिए कि अगर घर वाले मौका दे रहे हैं तो हम अपने माँ बाप का नाम रोशन करें और अपनी लाइफ को अच्छी बनाऐं। अपनी पूरी लाइफ खुश रहें और अपनी आगे आने वाली जनरेशन को कुछ सीख दें। 

मुझे लगता है कि सरकार ने जो शादी की उम्र बढ़ाने की बात की है वह ठीक है। जिन लड़कियों को मौका मिला है उनको कुछ कर दिखाना चाहिए और उनके बाद जो लड़कियां है उन्हें भी पूरी आजादी मिलनी चाहिए।

——————————

राममोही:

जैसे कि मेरे घर में मेरी मम्मी का कहना है कि दसवीं क्लास पास किया नहीं और शादी करो। अपने घर जाकर पढ़ाई करना पति के पास या ससुराल में रहकर।

मेरा यह कहना है कि जब तक लड़की की राजी न हो, तब तक शादी के लिए सोचें ही नहीं। बल्की ये सोचें कि अगर शादी के बाद, लड़के के घर वालों ने पढ़ाया ही नहीं तो क्या होगा? या जो सोचा भी वह करने ही नहीं दिया तो? घर का काम करूं और जिंदगी उसी में खराब करूँ। 

हालांकि मेरी बड़ी बहन की शादी हुई और उनके पति उनको अभी तक पढ़ा रहे हैं और हर बात में सपोर्ट करते हैं। मेरी मम्मी सारे लड़कों को उनके जैसा ही सोचती है। लेकिन जहाँ मेरी शादी हो और वो लड़का ऐसा न हुआ तो पूरी ज़िन्दगी खराब हो जायेगी समझो। 

इसीलिए मुझे लगता है कि पढ़ाई पूरी करके ही शादी करनी चाहिए।

——————————

सुधमा:

एक अच्छे भविष्य की कामना करने की चाह सबके अंदर होगी। लड़कियों की शादी तभी करनी चाहिए जब वो खुद को उस बंधन में बंधने के लिए पूरी तरह से तैयार हों।

अपने आवश्यक कार्यों के लिए किसी और के ऊपर न निर्भर हों। महिलाओं को पहले आत्मनिर्भर, सर्वकमिनी, कार्यशील, तथा एक जागरूक व्यक्ति बनने की ज़्यादा ज़रूरत है। आज महिलाएं पुरुषों से भी ज़्यादा कार्यशील तथा आगे बढ़ कर हर कार्य करने में समक्ष हैं। हमारे समाज को चाहिए कि महिलाओं को और आगे बढ़ने के लिए उनको और अच्छी शिक्षा तथा जागरूक करने की ज़रूरत है।

तभी हमें समाज में महिलाओं को मान-सम्मान तथा लड़का-लड़की का ये जो भेद मिटेगा।

——————————

शादी और उम्र

सुनीता सोनकर:

लड़की आने वाले भविष्य जो कि हम सब को इस बारे में ज़रूर सोचना चाहिए कि लड़कियों की शादी किस उम्र में करें लड़कियों की शादी करने के लिए लड़कियों को पहले पढ़ने लिखने की आज़ादी दें क्योंकि जल्दी शादी करने से लड़कियों की समझ विकसित नहीं हो पाती जिससे उनको अपने बारे में समझने की बहुत जरूरत है जिससे लड़की बाहर दुनिया के बारे में जाने। जैसे लड़कियों को ज़्यादा प्रेशर नहीं देना चाहिए कि आप यह काम करो उनको थोड़ा अपनी मर्ज़ी से विषय लेने या कुछ गेम लेने को कहे तो उसको ये करने दिया जाए। लाड़कीयों की जल्दी शादी होने से वो अपने गृहरथ जीवन मे सिमट के रह जाती है और आगे के लिए कुछ सोच नही पाती है पहले समय मे लड़कियों की शादी काम उम्र में कर ही रह जाती है, जिससे वो जल्दी मां बन जाती हैऔर यह निर्णय नहीं ले पाती है कि अब वह क्या करें, जिससे उनकी अक्सर मौत हो जाती थी।

——————————

तरंनुम बनो:

मेरा नाम तरंनुम बनो है। मैं 12 साल तक पढ़ी हूं। मेरी शादी 2012 में हुई थी। मेरी उम्र 27 साल की है। मैं शादी को लेकर खुश नहीं हूँ। मुझे लगता है कि जल्दी शादी करने से लड़कियों को परेशानी हो जाती है। जैसे कि मैं भी बहुत परेशान रहती हूँ बीमारी को लेकर। जल्दी शादी करने से जल्दी बच्चे हो जाते हैं परेशानी और बढ़ जाती है। मुझे तो नहीं लगता कि जल्दी शादी करने से सब लड़कियां परेशान रहती है। मुझे नहीं लगता कि शादी को लेकर सरकार का कानून कोई मानेगा। अब के टाइम में लड़कियों की शादी 21 साल होने से पहले 18 साल होते-होते ही, मां-बाप जल्दी शादी कर देते हैं। यह नहीं सोचते कि लड़कियों की कुछ अपनी भी लाइफ है, उनको क्या है की मेरी बेटी क्या करना चाहती है।! शादी को लेकर मैं अपने आप को बहुत पूछती हूँ। अपने मां-बाप को भी बोलती हूं कि मेरी शादी जल्दी क्यों कर दिए ना तो पति से सुख मिलता है और ना अपने आप को। बहुत जल्दी से शादी कर दिए ना तो घर देखे, ना कुछ.. बस शादी कर दिए। हमें बहुत टेंशन रहती है क्या आप लोग यह मेरी बात को लेकर सहमत हैं कि अब आप लोग यह कार्यवाही कर सकते हैं कि अगर जल्दी शादी करे तो घर-पढाई-परिवार सब कुछ देख कर शादी करें।

——————————

क्या शादी की उम्र बढ़ा देने से लड़कियों को उनका मौलिक अधिकार मिल जाएगा। हमारे समाज में लड़कियों की उम्र अट्ठारह होने पर उनकी शादी करा दी जाती है। क्या शादी ही करना हमारे समाज में लड़कियों के लिए सभी समस्याओं का हल है। हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने अब लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाकर 21 वर्ष करने की योजना बनाई है।

मेरी सोच  – मैं अपने समाज में एवं राज्य में महिलाओं को जागरूक, आत्मनिर्भर तथा एक कौशल महिला बनने की कामना करती हूँ। वह मेरा माने तो मैं तो यही चाहती हूं कि पहले लड़कियों को अच्छी शिक्षा, अच्छे नागरिक बनने के अवसर मिले, यही कामना करती हूं। शादी की उम्र कम या अधिक कर देने से महिलाओं की समस्या का सही समाधान नहीं है। सही तभी होगा जब हमारे समाज में उनको एक अच्छी जगह तथा सम्मान मिलेगा। महिलाएं जागरूक होकर अपने सभी ज़िम्मेदारियों को आत्मनिर्भर होकर करेंगी।

——————————

मेरी तरह बहुत सी लड़कियां परेशान होंगी लेकिन मेरी समझ में तो लड़कियों की शादी 22 से 24 की उम्र में करें इसलिए किअब की लड़कियों को अगर मां-बाप मौका दे रहे हैं तो उनको आगे और पढ़ना चाहिए और उनको अपनी लाइफ खुद ही जीनी चाहिए।

——————————

मोहिनी:

लड़कियों की उम्र 18 साल होती है परिवार वाले सोचते हैं कि जल्द से जल्द लड़की की शादी कर ज़िम्मेदारी से मुक्त हो जाया जाए। भारत में लाखों लड़कियाँ इसी मानसिकता की शिकार हो जाती है। वह कहां रहेंगी, कैसे रहेंगी, क्या पहनेगी, क्या करेगी, क्या पढ़ेगी, उसे खुद से जुड़े फैसले में शामिल तक नहीं किया जाता। एक सच यह भी है कि शादी के बाद लड़कियाँ घर-परिवार में उलझकर ही रह जाती हैं। और कम उम्र में ही मां बन जाती हैं। इसकी वजह से वह शारीरिक नुकसान झेलती है। इसलिए यह जानना ज़रूरी है कि लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 करने का फैसला क्यों किया गया है उम्र में शादी करने से लड़कियों की ख्वाहिश खत्म होकर रह जाती है। लेकिन समय ऐसी चीज जो हर चीज सही भी कर सकती है और खराब भी होती है। कई घरों में आज भी लड़कियों को बोझ माना जाता है 18 साल होने के बाद लड़कियों को लेकर जो सामाजिक दबाव रहता है वह उनके परिवार पर भी नजर आने लगता है। कुछ परिवारों को तो लड़कियां खटक ने लगती हैं और जैसे तैसे किसी अजनबी के साथ उनकी शादी करा देते हैं। ऐसे में लड़कियां अपनी जिंदगी हमेशा दूसरे के नजरिए से देखने पर मजबूर हो जाती हैं। यू बोले कि अपनी जिंदगी में जो चल रहा है या हो रहा है उनको एक्सेप्ट कर लेती है। लेकिन घर वाले कभी लड़की की परमिशन लेना जरूरी ही नहीं समझते।

जैसे कि मेरे घर में मेरी मम्मी का कहना है कि इंटर पास किया नहीं और शादी करो अपने घर जा कर पढ़ाई करें अपने पति या ससुराल के साथ। लेकिन मेरा यह कहना कि जब तक लड़की की राजी ना हो तब तक शादी के लिए सोचा ही नहीं। बल्कि यह सोचें अगर शादी के लड़के के घर वालों ने पढ़ाया ही नहीं या जो सोचा भी सोचा वह करने ही नहीं दिया तो भी घर का काम करूं और जिंदगी उसी में खराब करूं जैसे कि मेरी बड़ी बहन की शादी हुई और उनके पति उनको अभी तक प्यार करते हैं बल्कि हर चीज में सपोर्ट करते हैं वैसे मेरी मम्मी सारे लड़कों को समझती हैं लेकिन जहां मेरी शादी हो और वह लड़का ऐसा ना हुआ तो पूरी जिंदगी खराब हो गई समझो!

Author

Leave a Reply