कविता भील:
यह लेख चित्तौड़गढ़ जिले के गांव पीर खेड़ा में रहने वाली कविता भील के द्वारा साझा किया गया है। इनका गांव वंडर फैक्ट्री की सीमा के अंदर होने के कारण, गाँव के सभी लोगों की खेती की ज़मीन, वंडर फैक्ट्री में चली गई है। अब इनके घर की ज़मीन भी वंडर फैक्ट्री में जा रही है। पीर खेड़ा में कविता अपनी मां और बहन के साथ रहती हैं। उनके पिताजी का निधन हो चुका है। कविता की मां सरकारी स्कूल में रोटी बनाती हैं। लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के कारण, कोई काम नहीं था, जिसके चलते कविता और उनकी मां दूसरों के खेतों में काम करने जाते थे।
मुझे खेती करना अच्छा लगता है लेकिन मेरा खेत नहीं है, क्योंकि मेरे पिताजी ने हमारे खेत को बेच दिया था। इस कारण मुझे खेतों का काम तो इतना नहीं आता, लेकिन फिर भी काम करने की इच्छा होती है। मैं जब अपनी माँ को दूसरों के खेत में काम करने जाते हुए देखती हूँ, तो मुझे बहुत दुःख होता है कि मेरी माँ किसी और के यहाँ जाए और इतनी महनत करे।
मेरे परिवार के पास खेत नहीं है, लेकिन मुझे खेत में काम करना अच्छा लगता है। मैं भी दूसरों के खेत में जाती हूँ काम करने के लिए। मुझे वहाँ पूरे दिन काम करना पड़ता है, लेकिन वहाँ खेत में पूरे दिन मुझे बहुत अच्छा लगता है। मेरे साथ मेरी सहेलियां भी आती हैं और हम सब मिलकर खेत में काम करते हैं। जब खेत में काम करते-करते खाने का मन होता है, तो सभी साथ में बैठ कर खाना खाते हैं और थोड़ी देर सभी साथ में विश्राम भी करते हैं।
खेत में पूरे दिन काम करके फिर शाम को घर आते हैं। सुबह खेत में जाते वक्त अपनी बकरियों और अपने छोटे भाई-बहनों को भी साथ में ले जाते हैं। फिर घर के बाकी सदस्य और अन्य लोग काम करने आते हैं और सभी खेत में काम करना शुरू करते हैं। जब मैं अपने मम्मी-पापा को काम करते देखती हूं, तो मेरा भी मन खेत में काम करने के लिए उत्सुक होता है, यह सोचकर कि मैं भी उनकी मदद करूँ, इससे मुझे और अच्छा लगता है।
जब हम अपने मम्मी-पापा के साथ काम करते हैं, तो वह भी खुश होते हैं। लेकिन वह हमें बोलते हैं कि तुम अभी ये सब काम रहने दो, अभी तो हम हैं, हम कर लेंगे। लेकिन हम बैठे रहें और हमारे माता-पिता काम करें, यह तो हमे अच्छा नहीं लगता। हम बड़े हो कर उनके लिए इतना भी नहीं कर सकते क्या! यहाँ की लड़कियां भी किसान हैं। सारी लड़कियां खेत मे काम करती हैं। हम सब एक, हम सब की पसंद कई, एक और वो फसल, केवल खेत नहीं है।
