साथियों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज भी महिलाओं को हीनभावना से देखा जाता है, इसका कारण क्या है आप सभी भलीभांति जानते हैं।
समाज का कोई भी वर्ग चाहे वह दलित हो, आदिवासी हो या मुस्लिम, सभी समुदायों में महिला व पुरूष दोनो ही परिवार को चलाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। फिर भी महिलाओं को दोयम दर्जे के तहत देखा जाता है। महिलाएं न सिर्फ घर के बाहर जाकर काम करती हैं बल्कि घर में भी अपनी अहम भूमिका निभाती हैं, जिसके तहत वह बच्चों, परिवार के बुज़ुर्गों की देखभाल के साथ-साथ घर के कामों को भी बखूबी निभा रही हैं।
बावजूद इसके समाज में इन्हें दोयम दर्जा मिला हुआ है और इनके काम को स्वीकार नहीं किया जाता है। घर के पुरूषों और अन्य सदस्यों द्वारा इनके काम को कोई अहमियत नहीं दी जाती है। इनके काम पर लगातार सवाल उठाए जाते हैं कि तुम सारा दिन घर में रहकर करती ही क्या हो?
हमें इस तरह की सोच को बदलना चाहिए और समाज मे महिलाओं के योगदान को स्वीकारते हुए उन्हें सम्मान देना चाहिए।