अंकुश गुप्ता: कूड़े की समस्या को समझते हुए मुझे इस बात का एहसास हुआ कि अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग पदार्थ कूड़े में जमा होते हैं।

युवाओं की दुनिया
अंकुश गुप्ता: कूड़े की समस्या को समझते हुए मुझे इस बात का एहसास हुआ कि अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग पदार्थ कूड़े में जमा होते हैं।
धर्मेन्द्र यादव: सन् 2008 में एक एनेमीशेन फिल्म आई, वॉल-ई। इस फिल्म में दिखाया गया कि किस तरह से दुनिया अपने द्वारा बनाई गई वस्तुओं