गोपाल पटेल: मैं वृक्ष हूँ, इस माटी का x2जो मुझे सींच कर रखती है।मैं वृक्ष हूँ इस माटी का जो मुझे… READ MORE
गोपाल पटेल: माँ प्रकृति ने पाला मुझे,संवारा है, बड़ा किया है। लालन-पालन भी किया तूने,मुझे इतना प्रेम दिया तूने.. ।… READ MORE
युवानिया पत्रिका, युवाओं को उनकी सोच को कलमबद्ध करने का एक मंच देने का प्रयास है। इस पत्रिका के माध्यम से हम मुख्यतः युवा मन के विचारों को सामने लाना चाहते हैं। साथ ही आस-पास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृष्य पर युवाओं के विचारों को भी साझा करना चाहते हैं।
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