सुनील पासवान: ‘हमें ये शौक है, देखें सितम की इंतेहा क्या है।’ मेरे पापा श्री दीपानारायण पासवान, उफ़रेल चौक, वार्ड… READ MORE
नरेश धड़कार एक गरीब घर से थे I वो एक कारीगर थे, जो रोज़ बांस की टोकरी और गर्मी के… READ MORE
युवानिया पत्रिका, युवाओं को उनकी सोच को कलमबद्ध करने का एक मंच देने का प्रयास है। इस पत्रिका के माध्यम से हम मुख्यतः युवा मन के विचारों को सामने लाना चाहते हैं। साथ ही आस-पास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृष्य पर युवाओं के विचारों को भी साझा करना चाहते हैं।
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