प्रकृति से ही लिया है, तो उसे लौटाना पड़ेगा

अजय कन्नौजे: प्रकृति से ही लिया है, तो उसे लौटाना पड़ेगा, प्रकृति से ही जीवन है, तो उसे मनाना पड़ेगा। संघर्ष से ही जीत है,

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आत्मनिर्भता की “थकान” से खेती से दूरी नाप रहा है आज का युवा

अजय कनोजे: किसान, बेहद मेहनतकश और अपने काम के प्रति ईमानदार होता है, यह आप सभी जानते हैं। ठंड की चादर ओढ़कर, फटी एड़ियों को

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