अजय कन्नौजे: प्रकृति से ही लिया है, तो उसे लौटाना पड़ेगा, प्रकृति से ही जीवन है, तो उसे मनाना पड़ेगा। संघर्ष से ही जीत है,
Author: अजय / Ajay
अजय, मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले से हैं और सामाजिक परिवर्तन शाला से जुड़े हैं। वह वहाँ के स्थानीय मुद्दों और छात्र मुद्दों पर जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) के साथ जुड़ कर काम कर रहे हैं।
आत्मनिर्भता की “थकान” से खेती से दूरी नाप रहा है आज का युवा
अजय कनोजे: किसान, बेहद मेहनतकश और अपने काम के प्रति ईमानदार होता है, यह आप सभी जानते हैं। ठंड की चादर ओढ़कर, फटी एड़ियों को