हमे लूट रही मिल के, जा सरकार…

मोहन सिंह:

हमे लूट रही मिल के, जा सरकार… x 2

जाग-जाग नौजवान तू जाग,
अपने हक़-अधिकार को पहचान..
जाग-जाग नौजवान तू जाग,
अपने हक़-अधिकार को पहचान..
हमे लूट रही मिल के, जा सरकार… x2

नईया रहवे को आवास,
हो गए आवास के साठ साल..
पूंजीपतियों को खूब भयो विकास… x2
जाग-जाग नौजवान तू जाग,
हमे लूट रही मिल के, जा सरकार… x2

पास नईया ज़मीन-जंगल जै,
सब लय जा छीन
हमे लूट रही मिल के, जा सरकार…
हाँ भईया, हमे लूट रही मिल के, जा सरकार…
हाँ बहना, हमे लूट रही मिल के, जा सरकार… x 2

किसानों पे लाठी चलावे,
काले कानून बनावे…,
अडानी- अम्बानी के आधीन जा सरकार…
हमे लूट रही मिल के, जा सरकार…
हाँ भईया, हमे लूट रही मिल के, जा सरकार…
हाँ बहना, हमे लूट रही मिल के, जा सरकार… x 2

फीचर्ड फोटो आभार: स्टार्स उन्फोलडेड

Author

  • मोहन / Mohan S.

    मोहन, मध्य प्रदेश के दमोह ज़िले से हैं और सामाजिक परिवर्तन शाला से जुड़े हैं। वह बुंदेलखंड मजदूर किसान शक्ति संगठन के साथ जुड़कर स्थानीय मुद्दों और आदिवासी मुद्दों पर काम कर रहे हैं।

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