राजू:

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के आँकड़े बताते हैं कि विश्व में कार्यरत कुल जनसंख्या के 61% लोग, असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं। ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि इनमें से 38 करोड़ से अधिक असंगठित मज़दूर भारत में हैं। भवन निर्माण श्रमिक भी असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में ही आते हैं। हमारे देश में भवन निर्माण श्रमिकों की स्थिति अच्छी नहीं हैं। लेकिन समय-समय पर केंद्र एवं राज्य सरकारों की ओर से अधिनियम एवं योजनाएं लाई गई हैं, ताकि श्रमिकों की हित रक्षा हो सके। इन अधिनियमों में से एक अधिनियम भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम-1996 था, इस अधिनियम के अंतर्गत ही भवन एवं निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों की रोज़गार की शर्तें एवं सेवा की स्थितियों का निर्धारण किया जाता था। लेकिन वर्ष 2020 में भारत सरकार ने श्रमिकों से जुड़े कानूनों में बदलाव किया और 4 संहिताएँ पारित की, उनमे से एक संहिता व्‍यावसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्यस्‍थल स्थिति संहिता, 2020 है जिसमें भवन निर्माण श्रमिकों से जुड़े क़ानूनी प्रावधान हैं। 

यह संहिता श्रमिकों के लिए सुरक्षित एवं स्वस्थ कार्य वातावरण प्रदान करने एवं उनके हितों की सुरक्षा के लिए लाई गई है। भवन निर्माण श्रमिकों से जुड़े इस कानून को मद्देनजर रखते हुए राज्य एवं केंद्र सरकारों ने समय-समय पर विभिन्न योजनाएं बनाई हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भवन निर्माण श्रमिकों को भवन निर्माण कार्ड की जरूरत पड़ती हैं।

मध्य प्रदेश भवन निर्माण कार्ड  2022

मध्य प्रदेश भवन निर्माण कार्ड 2022 का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्रदान करना है। जिससे भवन और अन्य सन्निर्माण कारीगर श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार एवं श्रमिक के परिवार को संबल योजनाओं का लाभ मिल सके।

भवन निर्माण श्रमिक कौन हैं?

उपरोक्त संहिता के अनुसार सभी निर्माण श्रमिक चाहे वो कुशल, अर्ध-कुशल या अकुशल हों, या मैनुअल, तकनीकी या लिपिकीय कार्य जो भवन या अन्य निर्माण से संबंधित कार्य करते हैं, तो वो सभी श्रमिक भवन निर्माण की श्रेणी में आते हैं।

भवन निर्माण श्रमिकों का पंजीयन क्यों ज़रूरी है?

देश एवं प्रदेश के ज़्यादातर श्रमिक असंगठित क्षेत्रों मे कार्यरत है, और इन असंगठित श्रमिकों में बड़ा वर्ग निर्माण कर्मकारों (कामगारों) का है। लेकिन सरकारी अभिलेखों में इन श्रमिकों की कोई पहचान नहीं हैं। श्रमिकों का पंजीयन एक माध्यम है, जिसके ज़रिये निर्माण श्रमिकों को निर्माण श्रमिक होने की पहचान मिलती है। और इसके ज़रिये श्रमिक, सरकार द्वारा चलाई जाने वाली सामाजिक सुरक्षा एवं समाज कल्याण की विभिन्न योजनाओं का लाभ ले सकता है इसलिए भवन निर्माण श्रमिकों का पंजीयन ज़रूरी है।  

श्रमिक जो मध्य प्रदेश भवन निर्माण कार्ड की पात्रता रखते हैं 

  • आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।
  • आवेदक मध्य प्रदेश का निवासी होना चाहिए। 
  • कुआं खोदने का काम करने वाले, कारपेंटर का काम करने वाले, राजमिस्त्री, सड़क निर्माण का काम करने वाले, लोहार, हथोड़ा चलाने वाले, बांध प्रबंधक भवन निर्माण के अधीन कार्य करने वाले, ईंट भट्टों पर ईंट का निर्माण करने वाले, प्लंबर, इलेक्ट्रॉनिक, मार्बल का काम करने वाले, पुताई करने वाले, चट्टान तोड़ने वाले, सीमेंट पत्थर ढोने का काम करने वाले आदि श्रमिक भवन निर्माण कार्ड की पात्रता रखते हैं।

 पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज

  • आवेदनकर्ता की परिवार आई.डी। 
  • आवेदनकर्ता का आधार कार्ड एवं परिवार आई.डी में जितने भी सदस्य है उन सभी के आधार कार्ड।  
  • आवेदनकर्ता के निवास सम्बन्धी दस्तावेज जैसे वोटर कार्ड आदि।  
  • आवेदनकर्ता एवं उनके वारिस के बैंक खाते की पासबुक। 
  • आवेदक का पिछले 12 महीने में 90 दिन से अधिक भवन निर्माण कार्य करने का ठेकेदार द्वारा जारी प्रमाण पत्र। अगर प्रमाण पत्र नहीं है तो पंचनामा। और उसे नगर परिषद में CMO/गाँव में सरपंच द्वारा वेरीफाई करवाना होगा। यहाँ पर विशेष ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस प्रमाण पत्र में श्रमिक क्या कार्य कर रहा है लिखने की ज़रूरत होती है जैसे कुआं खोदने का काम, कारपेंटर का काम, राजमिस्त्री का काम, लोहार, हथोड़ा चलाने का काम आदि और सिर्फ इतना लिखना कि श्रमिक मज़दूरी करता है, पर्याप्त नहीं है।   
  • आवेदन पर नोटरी।
  • आवेदनकर्ता का 2 पासपोर्ट साइज का फोटो।  

इससे क्या लाभ होगा?

श्रमिक कल्‍याण के लिये लागू सभी योजनाओं जैसे- 

  • अंत्‍योदय उपचार योजना, 
  • पुत्री विवाह हेतू अनुदान, 
  • अंत्‍येष्टि सहायता, 
  • जननी सुरक्षा, 
  •  बच्चों की शिक्षा के लिए छात्रवृति, और 
  •  दुर्घटना सहायता आदि लाभकारी योजनाओं का लाभ मिलता है।

 पंजीयन की प्रक्रिया

  • पंजीयन के लिए आवेदन लोक सेवा केंद्र पर उपलब्ध हैं। 
  • आवेदन भरने एवं नोटरी करने के बाद समस्त दस्तावेजों के साथ आवेदन को लोक सेवा केंद्र पर जमा करना होता है।
  • इसके लिए लोक सेवा केंद्र पर 60 रुपये  की फीस देनी होगी। 
  • भवन निर्माण कार्ड बनने में कम से कम 30 दिन लगते हैं।

Author

  • राजू राम / Raju Ram

    राजू ,राजस्थान के जोधपुर ज़िले से हैं और व्हाई.पी.पी.एल.ई. (YPPLE) के तौर पर सामाजिक न्याय केंद्र के साथ जुड़े हैं। वर्तमान में राजू मध्य प्रदेश में जेनिथ सोसायटी फॉर सोशियो लीगल एम्पावरमेंट संगठन के साथ कार्य कर रहे हैं। वह बास्केटबॉल खेलना एवं किताबें पढ़ना पसंद करते हैं।

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