कोर्दुला कुजूर:
विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष कविता कुड़ुख़ भाषा में
इन्ना एन्देर उल्ला
इन्ना एन्देर उल्ला सोहन
बरा पाड़ोत बेचोत
बरे नालोत तोकोत खुसमार’ओत भला – २
इन्ना नाम ओरमत ही
परब उल्ला ताली सोहान – २
बरा पाड़ोत बेचोत
बरे नालोत तोकोत खुसमार’ओत भला – २
इन्ना नमहय माझीनू
कोहां खुसी ओन्दरा सोहान – २
बरा पाड़ोत बेचोत
बरा नालोत तोकोत खुसमार’ओत भला – २
बरा भाई बहिन रो इन्ना
गुनाईन नननोत, तनिक बुझुर’ ओत – २
होले नमहय रा’जी…
होले नमहय पद्दा उजागर ओ भला
होले नमहय रा’जी होले नमहय पद्दा सोजगार ओ – २
छितीर बितीर अम्बा मना
ओन गोठ र’आ बरा ओरमत
ने हूं ख़च्चा पोल्लोर
ने हूं बच्चा पोल्लोर नमहय रा’जी भला – २
हिन्दी अनुवाद:
आज का दिन इतना खुशनुमा क्यों है,
आओ हम मिलकर नाचें गाएँ खुशी मनाएं
आज हम सभी के लिए ख़ुशी का दिन है,आओ हम खुशियां मनाएं, नाचे गाएँ
आओ भाई -बहनो आज हम मनन करें अपने समाज के बारे में सोचें, तभी हमारे गांव में उन्नति होगी, और समाज में शांति की स्थापना होगी।
अलग-थलग मत हो, एकता में रहो, ताकतवर बनो ताकि कोई भी बाहरी शक्तियां तुम्हें तोड़ने न पाए।
और हमारा गांव -समाज भी लुटने से बच जाएगा।
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