सरताज अहमद:
सहादतगंज बाईपास-फैज़ाबाद में एक दुर्घटना हुई। एक ट्रक के ड्राइवर से भिड़ने के बाद दूसरा ट्रक पलटने के कारण स्कूल से वापस आ रही तीन किशोरियाँ इसकी चपेट में आ गई। एक के पैर कुचले गए जबकि बाकी दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। घटनास्थल पर जो लोग थे उनका कहना था कि ट्रक ओवरलोड था, जिसके कारण वह एक तरफ़ को झुका हुआ था। जो छात्राएं साइकिल से जा रही थी, उन्होंने आर्य कन्या इंटर कॉलेज स्कूल के कपड़े पहने थे। यह घटना सुबह के समय हुई थी और जिस स्थल पर यह घटना हुई वहाँ ट्रक की आवाजाही काफ़ी तेज़ है, क्योंकि वहां फ्लाईओवर और बाईपास दोनों हैं। इस घटना में जिनकी छोरियों की मौत हुई, उनको कुछ मुआवज़ा दे दिया गया और एक दुर्घटना बताकर इस मामले की बहुत जांच नहीं हुई।
फैज़ाबाद-अयोध्या में लगातार पिछले कई दिनों से चुनावी रैलियाँ हो रही है, और यह सोचने की बात है कि ऐसी घटनाएँ अक्सर फैज़ाबाद-अयोध्या में होती रहती हैं। ओवरलोडेड ट्रक का कोई चालान नहीं काटता, ना ही इनको शहर में घुसने से रोका जाता है। ऐसे में आर.टी.ओ. डिपार्टमेंट अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रहा है और इसकी सुनवाई कहीं पर भी नहीं हो रही है।
जो छात्राएं सहादतगंज से आर्य कन्या इंटर कॉलेज जा रही थी, उनकी शिक्षा के स्तरों पर भी सवाल उठता है। क्योंकि सहादतगंज से आर्य कन्या इंटर कॉलेज 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर है। आर्य कन्या, एक गर्ल्स इंटर कॉलेज है और शहर की काफी लड़कियाँ हैं, जो उसी स्कूल में पढ़ने जाती है। यह बात प्रशासन जानता है तो इसके लिए उन्हें और आर्य कन्या स्कूल को बस या ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था कर देनी चाहिए। इससे बड़ा सवाल यह है कि अगर लड़कियाँ अच्छी शिक्षा पाना चाहती हैं तो वह अपने घर के आस-पास नहीं बल्कि 10-12 किलोमीटर दूर जाकर पढ़ती हैं। शिक्षा के स्तर को सही करने की काफ़ी ज़रूरत है। मैं अक्सर आर्य कन्या इंटर कॉलेज जाता रहता हूँ और यह बड़ी आम सी बात है कि किशोरियाँ घर जाने के बाद घर के भी सभी काम करती हैं और सुबह उनको 3 घंटे पहले उठना पड़ता है, जिससे वह सुबह का खाना बनाकर स्कूल आए। हमारे समाज में इस बात की बहुत ज़रूरत है कि कामों का बंटवारा बराबरी से हो, और पढ़ने वाले किसी भी छात्र-छात्राओं को इतना समय ज़रूर मिले कि वह मानसिक और शारीरिक स्तर पर स्वस्थ रह सकें।
फीचर्ड फोटो प्रतीकात्मक है। फोटो आभार: फ्लिकर