ରାଜନୀତି ଦଳେ ନିର୍ବାଚନ ବେଳେ
ନେତା, କର୍ମୀ ପଲପଲ,
ସଙ୍କଟ ବେଳରେ କେଉଁଠି ଲୁଚିଲ
ଲୋକମାନେ କଲବଲ ।
କାହାର କଅଣ କଲ ?
ମନ୍ତ୍ରୀ, ବିଧାୟକ, ସାଂସଦ, ଅଧ୍ୟକ୍ଷ
ଏ ବେଳେ କୁଆଡେ ଗଲ ??
ଶୀତଳ କକ୍ଷରୁ ହୁକୁମ ଛୁଟୁଛି
ସତେ ବା ବନ୍ଧୁକ ଗୁଳି,
ପାରିବା ପଣିଆ ଦେଖେଇ ହୁଅନ୍ତି
ତଳ ମୁଣ୍ଡେ ଅଠା ବୋଳି ।
ଉପରେ ତ କୋଳାକୋଳି,
ପିମ୍ପୁଡ଼ି ବେକରେ ପଘା ପଡୁଅଛି
ହାତୀ ଯାଉଛନ୍ତି ଗଳି ।।
ସଚେତନ ହୁଅ ଦୃଷ୍ଟି ବଦଳାଅ
ଉପରେ ଯେତେକ ଅଛ,
ଲୋକଙ୍କ ଜୀବନ ରକ୍ଷାକର ଆଗ
ପଦ ଆଡମ୍ବର ପଛ ।
ଯାହା ସବୁ ଦେଖାଉଛ,
ତୁମେ ହିଁ ଜାଣିଛ ତା ଭିତରେ ଅଛି
କେତେ ସତ କେତେ ମିଛ ।
କେତେ ସତ କେତେ ମିଛ ।।
——–(ଅମୂକ)——–
हिंदी अनुवाद:
किधर गए ?
राजनीतिक दल, चुनाव के समय
नेता, कर्मी तर-बर,
संकट के समय, कहाँ छुप गए?
लोग हुए कलबल,
किसका क्या करा?
मंत्री, विधायक, सांसद, अध्यक्ष
इस समय कहाँ मरा?
ए.सी. कमरों से हुकुम बरसाते,
जेसे बंदूक से गोली,
सक्षम होने का दावा करते,
कर्मचारियों को लगाकर सूली,
ऊपर है अफसरों का मेलजोल,
चींटी के गर्दन मे पड़ रहा फंदा,
हाथी हो रहे फरार।
सचेतन हो, नज़रिया बदलो,
ऊपर के जितने अफसरों
लोगों की जान पहले बचाओ
फिर करो सियासत।
जो भी सब दिखा रहे हो,
तुम ही जानो उसके अंदर की बात,
कितना सच कितना झूठ,
कितना सच कितना झूठ।
अनुवाद आभार: एमलॉन तिर्की