केसर सिंह:
सृष्टि के क्रमिक विकास यानि बदलाव से ही आज हम इंसान यहाँ इकट्ठे होकर एक दूसरे से मिल पा रहे हैं। संसार के अलग-अलग कालों में लोगो ने अपने शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई और क्रांति की राह पर चले जिसमें उन्होंने सफलता भी प्राप्त की।
वर्तमान स्थिति में किसानों, मज़दूरों, महिलाओं को अनेक दुखों का सामना करना पड़ रहा है। वे लगातार समाज के पूंजीपति वर्ग द्वारा शोषित होते जा रहे हैं। समाज के सभी शोषित वर्गों को एकजुट होते हुए पुनः नवीन क्रांति की शुरूआत करनी चाहिए।
भारत की करीब सत्तर प्रतिशत जनता गांव में निवास करती है। इतनी बड़ी संख्या है, फिर भी 9 प्रतिशत डमरूधारी डमरू की आवाज़ पर सबको नचा रहे हैं। हमारे द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि पूँजीपतियों के साथ मिलकर हमारा शोषण करते हैं।
आज मैं सभी कार्यकर्ताओं से आवाहन करता हूं। ग्राम स्वराज्य की स्थापना के लिए आपसी झगड़ों व अन्य समस्याओं के निदान हेतु ग्राम सभा को अपनाएं। समाज में जो चल रहा है, वह सही है या गलत इसे समझने के लिये विज्ञान की दुनिया पर सैर करें।
