मुस्कान पटेल: बरसात का आगाज़किसान की आवाज़ तिल अभी बस मुस्कुराई थी,उड़द, लहलहाई ही थीमूंग में महक आई ही थी,कि अधिक पानी,सब एक साथ ले

युवाओं की दुनिया
मुस्कान पटेल: बरसात का आगाज़किसान की आवाज़ तिल अभी बस मुस्कुराई थी,उड़द, लहलहाई ही थीमूंग में महक आई ही थी,कि अधिक पानी,सब एक साथ ले