नयी वर्ष द्वि हजार बाईस ए गो

योगेश चन्द्र भट्ट:

हमार देखन-देखनें आज यौ वर्ष ले न्हे गो
हमरि जिंदगीक एक और नयी वर्ष द्वि हजार बाईस ए गो।

यौ वर्षल आपण कयेक रूप दिखाई 
सबै मनखी हर बाट बै भौत सताई
यैल कतुक लोगोंक रोजगार छिन ल्है 
कतुक लोगोंक बणी-बणाई घर बार उजाड़ि दे
कैके त य वर्षल भौत लाचार जस करि दे
और कै कें यैल ठुल मालदार लै बणे दे।

हमार देखन-देखनें आज यौ वर्ष ले न्हे गो
हमरि जिंदगीक एक और नयी वर्ष द्वि हजार बाईस ए गो।

यौ वर्ष हमों कै भौत चीज लै बतै गो
एक तरफ कोरोना जसि भयानक महामारी दिखै गो
दुसरि तरफ नानतिनों कै इंटरनेट कि दुनि में पुजै गो
यौ नयी पीड़ी कै भौत ठुल स
बक सिखै गो
नानतिनोंक सारै दिमाग आब फोन तक सीमित है गो
आज नानु नान भौ लै फौनाक बार में एक्सपट है गो

हमार देखन-देखनें आज यौ वर्ष ले न्हे गो
हमरि जिंदगीक एक और नयी वर्ष द्वि हजार इक्कीस ए गो।

उसिक त यौ नई साल हमर नई साल नि भै 
यौ नई लोगोंक शौक और पुराण लोगों लिजी मजबूरी भै
आब यौ नई-नई त्यार-व्यार मनुणक लै रिवाज है गो
फौन में मैसेज और स्टेटस लगूणकि भरमार है रै
जथकै चांछा उथकै थर्टी फस्ट और न्यू इयर कि बात है 
पहाड़ों में तो यस माहौल है रौ जाणी बग्वाव और घ्यू सक्रांत ऐ रै

हमार देखन-देखनें आज यौ वर्ष ले न्हे गो
हमरि जिंदगीक एक और नयी वर्ष द्वि हजार बाईस ए गो।

थर्टी फस्ट न्यू इयर कै जाण दियो फिर देखिया 
कतुक मैसोक घरै-घर बांज है जाल
कें मारपीट होलि कें एक्सीडेंट है जाल
फिर कतू दिनों तक अखबारों में यै खबर बात हवाल
कुछ समय बाद मैंस फिर सब भुलि भालि जाल 
यसो उसो कन कनै फिर एक नई साल ऐ जाल।

हमार देखन-देखनें आज यौ वर्ष ले न्हे गो
हमरि जिंदगीक एक और नयी वर्ष द्वि हजार बाईस ए गो।


हिंदी अनुवाद:

हमारे देखते-देखते आज यह साल भी चले गया
हमारी ज़िंदगी का एक नया साल दो हज़ार बाइस आ गया।

इस साल ने अपने कई रूप दिखाये,
सभी इंसान हर तरह से बहुत सताये,
इसने कई लोगों के रोज़गार छीन लिए,
कितने लोगों के बने बनाए घर-बार उजाड़ दिये
किसी को तो इस साल ने बहुत लाचार कर दिया
और किसी को बड़ा मालदार भी बना दिया।

हमारे देखते ही देखते यह साल भी चले गया
हमारी ज़िंदगी का एक नया साल दो हज़ार बाइस आ गया।

यह साल हमें बहुत बातें भी बता गया
एक तरफ़ कोरोना जैसी भयानक महामारी दिखा गया
दूसरी तरफ़ छोटे बच्चों को इंटरनेट कि दुनियाँ में पहुंचा गया
यह नई पीड़ी को बहुत बड़ा सबक सीखा गया
छोटे बच्चों का सारा दिमाग अब फोन तक सीमित हो गया
आज छोटे-छोटे बच्चे भी फोन के बारे में एक्सपर्ट हो गए।

हमारे देखते-देखते आज यह साल भी चले गया
हमारी ज़िंदगी का एक नया साल दो हज़ार बाइस आ गया।

वैसे तो ये नया साल हमारा नया साल नहीं हुआ
नए लोगों का शौक और पुराने लोगों के लिए मजबूरी हुआ
अब ये नए-नए त्यौहार बनाने का भी रिवाज़ आ गया
फोन में मैसेज और स्टेट्स लगाने कि भरमार हो रही है
जिधर देखो उधर थर्टी फस्ट और न्यू इयर कि बात है
पहाड़ों में तो ऐसा माहौल बना है मानो दिवाली और घी सक्रांति आयी है।

हमारे देखते-देखते आज यह साल भी चले गया
हमारी ज़िंदगी का एक नया साल दो हज़ार बाइस आ गया।

थर्टी फस्ट, न्यू इयर को जाने दो फिर देखना
कितने मनुष्यों के घर-बार बंजर हो जाएंगे
कहीं मारपीट होगी, कहीं दुर्घटनाएं घट जायेंगी
फिर कितने दिनों तक अखबार में इन्हीं खबरों कि बात होगी
कुछ समय बाद इंसान सब भूल जाएगा
धीरे-धीरे हमारी ज़िंदगी का फिर एक नया साल आ जाएगा।

हमारे देखते-देखते आज यह साल भी चले गया
हमारी ज़िंदगी का एक नया साल दो हज़ार बाइस आ गया।

फोटो आभार: अल जज़ीरा

अनुवाद आभार: महिपाल

Author

  • योगेश चन्द्र भट्ट / Yogesh Chandra Bhatt

    वर्तमान में उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले में योगेश महर्षि विद्या मंदिर, बाड़ेछीना में शिक्षक हैं। वह कुमाऊनी लेखन में गहरी रुचि रखते हैं और कुमाऊनी भाषा में उन्होंने कई कविताएं लिखी हैं।

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