शांता: मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के एक पहाड़ी ग्राम के पति और पत्नी, गुजरात में भाग (बंटाई) पर खेती करने गये थे। कुछ समय
Author: शांता आर्य / Shanta Arya
शांता आर्य राष्ट्रीय स्तर की जैवलिन थ्रोअर रह चुकी हैं। आजकल वे मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में आधारशिला शिक्षण केंद्र के माध्यम से आदिवासी बच्चों की शिक्षा व प्रवासी मज़दूरों के मुद्दे पर काम कर रही हैं।
सेंधवा, म.प्र. की एक आदिवासी महिला मज़दूर की गाथा
शांता आर्य: जैसे ही खेतों में काम कम हो जाता है सुरमी बाई सोचने लगती है कि अब क्या काम करूँ? सेंधवा में कपास की