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हमर अधिकार

बीना कुमारी दंडपाट:

सबे सुना रे, रोजी-रोटी हमर अधिकार
अरे दीदी भैयामान, रोजी-रोटी हमर अधिकार

हर हाथे काम रहे, कोई न बेकार रहे – 2
सबे सुना रे, रोजी-रोटी हमर अधिकार

देश के संपत्ति हमर, गाँव के पंचायती हमर,
जल, जंगल ज़मीन हमर, कारखाना-मशीन हमर
काहे भटके छोड़ घर-द्वार..
सबे सुना रे, रोजी-रोटी हमर अधिकार – 2

हमर पैसा से देश चले, हमर ऊपर केस चले,
बड़े लोग के माफ़ करे, हम सबके साफ़ करे
नहीं चाही ऐसन सरकार..
सबे सुना रे, रोज़ी-रोटी हमर अधिकार – 2

नौकर बने अधिकारी, हमर अधिकार मारी
अपन हक़ पाए खातिर, काहे भैया मारा-मारी
लड़ाई जीते खातिर हो जावा तैयार
सबे सुना रे, रोज़ी-रोटी हमर अधिकार – 2

कोई बैठे नेट ऊपर, कोई जुम्बोजेट ऊपर,
कोई करे चैट ऊपर, हमर हाथ पेट ऊपर
क्यूँ सहे अब अत्याचार,
सबे सुना रे, रोज़ी-रोटी हमर अधिकार – 2

Author

  • बीना, झारखंड के चाईबासा क्षेत्र से हैं और सामाजिक परिवर्तन शाला से जुड़ी हैं। ग्राम विकास अभियान से जुड़ी बीना, पिछले तीन सालों से सोशल ऑडिट के ज़रिये समाज के सवालों पर काम कर रही हैं।

    Kumari Bina
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