विश्वजीत नास्तिक: क्या हुआ आपको?क्या हुआ आपको?सत्ता के नशे मेंभूल गए वादे को गरीबी हटाएँगे,बेरोज़गारी हटाएँगे,युवाओं को नौकरियाँ देंगेंकंपनियाँ लगाएँगेहं सब भूल गएक्या हुआ आपको?सत्ता

युवाओं की दुनिया
विश्वजीत नास्तिक: क्या हुआ आपको?क्या हुआ आपको?सत्ता के नशे मेंभूल गए वादे को गरीबी हटाएँगे,बेरोज़गारी हटाएँगे,युवाओं को नौकरियाँ देंगेंकंपनियाँ लगाएँगेहं सब भूल गएक्या हुआ आपको?सत्ता
अमित: भुक्ता बुद्धिहीन एक दिन अपने गधे पर सवार बाज़ार के बीच निकल रहा था। गधा एकदम बुलेट ट्रेन की स्पीड से जा रहा था।