नेता जी क्या हुआ आपको – कविता

विश्वजीत नास्तिक: क्या हुआ आपको?क्या हुआ आपको?सत्ता के नशे मेंभूल गए वादे को गरीबी हटाएँगे,बेरोज़गारी हटाएँगे,युवाओं को नौकरियाँ देंगेंकंपनियाँ लगाएँगेहं सब भूल गएक्या हुआ आपको?सत्ता

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बाज़ार देखते ही भड़क जाता है भुक्ता का गधा

अमित:  भुक्ता बुद्धिहीन एक दिन अपने गधे पर सवार बाज़ार के बीच निकल रहा था। गधा एकदम बुलेट ट्रेन की स्पीड से जा रहा था।

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