52वीं पुण्यतिथि पर भिखारी ठाकुर को नमन

हाफीज़ किद्वाई: इन्हें भोजपुरी का शेक्सपियर कहते हैं, मगर मुझे ऐसी संज्ञाएँ नापसंद हैं। अगर कोई शेक्सपियर को पश्चिम का भिखारी ठाकुर कहे, तो मुझे

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कहाँ जाते होंगे वो सब जो कट चुके पेड़ों के नीचे मिलते थे?

आफाक: विकास की बयार में घर, मकान और दुकान के साथ बहुत कुछ उजड़ रहा है। हमारा गाँव पहाड़गंज घोसियाना है, घोसियाना दो हिस्सों में

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लोहे और रेशम से कविताएं बुनने वाले अमर कवि ‘पाश’

राजेश उपाध्याय:  पाश का पूरा नाम अवतार सिंह संधु था, वे एक युवा पंजाबी कवि थे। उन्होंने युवा सपनों की कविताएं लिखी, अपने देश के

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बदलाव के सच्चे सिपाही, उत्तराखंड के जन कवि – गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’

तरुण जोशी: गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ का नाम लेते ही आपके सामने जो तस्वीर उभरती है वो एक बेहद नम्र, खुशनुमा और सही अर्थों में कहें

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गोरख पांडे की बेबाकी और दुस्साहस उनकी कविताओं की पहचान है

सिद्धार्थ:  गोरख पाण्डे हिन्दी साहित्य के उन कुछ गिने चुने नामों में से हैं जिन्होंने कविता लेखन की प्रचलित शैलियों से इतर, एक अलग अंदाज़

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शोषण की सत्ता के खिलाफ सतत संघर्षरत कबीर कला मंच

शिवांशु: पिछले दिनों मैं फिल्म देखने के क्रम में था उस दौरान मुझे खोजते हुये एक मराठी फिल्म मिली नाम था “कोर्ट” मैंने वो फिल्म

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