दीपक रंजीत: अभी झारखंड में बांदना सोहराई पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। तो आइये आज हम लोग बांदना सोहराई पर्व के बारे

युवाओं की दुनिया
दीपक रंजीत: अभी झारखंड में बांदना सोहराई पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। तो आइये आज हम लोग बांदना सोहराई पर्व के बारे
फील्ड सोंग्स ऑफ़ छत्तीसगढ़, एस.सी. दुबे की किताब से: (From the book Field Songs of Chattisgarh by SC Dube; Printed by Universal Publishers, Lucknow, 1947)
कोर्दूला कुजूर: एक व्यक्ति को सम्पूर्ण होने के लिए उनके अन्दर सौन्दर्य बोध का होना अनिवार्य है। क्योंकि उसके बिना उनका जीवन खोखला (अधूरा) है।
युवानिया डेस्क: यह पॉडकास्ट नीतिशा खलखो द्वारा डॉ. शांति खलखो के लेख पर बनाया गया है। कर्म पर्व, प्रकृति प्रेम की अभिव्यक्ति करते हुए आदिवासी
मंजुलता मिरी व राजिम केटवास: अप्रैल माह में, छत्तीसगढ़ के महासमुंद ज़िले के गाँवों में हम लोग अक्ती तिहार (त्यौहार) मनाते हैं। हमारे क्षेत्र में
मंजुलता: हमारे पूर्वज हज़ारों सालों से बरसात आने से पहले खेती कार्य शुरू करते थे। इस तरह धान की अलग-अलग नस्ल की फसलों की टेस्टिंग