युवानिया डेस्क: नंदिनी ओझा द्वारा लिखित किताब ‘संघर्ष नर्मदा का’, नर्मदा बचाओ आंदोलन में नर्मदा घाटी के लोगों, ख़ासकर आदिवासी समुदाय के योगदान, संघर्ष और

युवाओं की दुनिया
युवानिया डेस्क: नंदिनी ओझा द्वारा लिखित किताब ‘संघर्ष नर्मदा का’, नर्मदा बचाओ आंदोलन में नर्मदा घाटी के लोगों, ख़ासकर आदिवासी समुदाय के योगदान, संघर्ष और
शिवांशु मिश्रा: पिछले दिनों अपनी लाइब्रेरी में किताबें खोजने के दौरान एक शीर्षक देखकर अचानक रुक गया और किताब को झट से उठा लिया। आमतौर
सिद्धार्थ: 9 अगस्त को भारत सहित दुनिया भर में विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। लेकिन आदिवासी हैं कौन? ट्राईबल, इंडिजीनियस, मूलनिवासी, अनुसूचित जनजाति और वनवासी
सिद्धार्थ: अमृता प्रीतम भारतीय साहित्य के कुछ उन चुनिन्दा नामों में से एक है जिन्होंने अपनी लिखावट को किसी एक खास फ़र्मे में बांधकर नहीं
भयभीत मन मेधावी नहीं हो सकता अरविंद अंजुम: आपकी सोच – समझ में प्रज्ञा क्या है? क्या यह बड़ा ही जटिल प्रश्न नहीं है? प्रज्ञा
अमित: आज भी देश के गाँवों में ऐसा माहौल है कि एक दलित किसी उच्च जाति के लोगों के ख़िलाफ़, बिना पिटने की संभावना के