संविधान साक्षर होऊ लागल्या महिला…

दिपक कांबळे: संविधान आपल्या जीवनाबरोबर आणि जीवनानंतरही आहे। आपल्या जन्मा आधीपासून ते मृत्यूनंतर सुद्धा संविधान आपल्या सोबत असते, आपल्या हितासाठी विकासासाठी, आपल्या हक्काच्या संरक्षणासाठी, माणूस

Continue reading

ग्रामीणों की समस्याओं के हल खोजती, चित्तौड़गढ़ की 60 साल की सनी बाई

सुमन चौहान: 20 साल तक अपने गाँव की वार्ड पंच रहीं, भील समुदाय की सनी बाई, गाँव मोड़ी खेड़ा की निवासी हैं। सनी बाई के

Continue reading

विकास से उपजती बाढ़

राज कुमार सिन्हा: यह जानने के लिए अब किसी गहन-गंभीर शोध की जरूरत नहीं बची है कि आजकल विकास के नाम पर किया जाता धतकरम,

Continue reading

समान नागरिक संहिता (यूनिफार्म सिविल कोड)

हरित परसेंडिया: लेख में व्यक्त किए विचार युवा साथी के स्वयं के हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब यह है कि: भारत में रहने वाला

Continue reading

वर्तमान पत्रकारिता और हम आदिवासी

नीतिशा खलखो: लेख में व्यक्त किए विचार युवा साथी के स्वयं के हैं किसी पत्रकार का फ़ोन आता है आदिवासी दिवस मनाने को लेकर।….. प्रश्न

Continue reading

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989, भाग – 01

जीतेन्द्र माझी द्वारा लिखित और राजू द्वारा संपादित: भारत में प्राचीनकाल से ही असमानताएं रही हैं – लिंग, जाति और धर्म के आधार पर। मुख्य

Continue reading

1 2 3