अफ़ाक उल्लाह: मुझे आज भी याद है कि जैसे ही सर्दियाँ आती थी, हम लोग बड़े बक्से से अपने गर्म कपड़े, स्वेटर, टोपी, मफलर और

युवाओं की दुनिया
अफ़ाक उल्लाह: मुझे आज भी याद है कि जैसे ही सर्दियाँ आती थी, हम लोग बड़े बक्से से अपने गर्म कपड़े, स्वेटर, टोपी, मफलर और
मनीषा शहारे: हमारे समाज में हर समुदाय के लोग रहते हैं, हर समुदाय की अलग-अलग रूढ़ियाँ होती हैं, और पुराने लोगों से चली आती ये
विश्वजीत नास्तिक: एक ही दुनिया में कहीं सुबह है तो कहीं रात,कहीं विकसित देश है तो कहीं विकासशील राज्यकहीं सब चीजों से संपन्न शहर है
आलोक मौर्य: प्राचीन जंगल में शासकों ने स्वयं के कल्याण हेतु तथा आम जनता का शोषण करने के लिए विभिन्न प्रकार की विधियों का निर्माण
गोपाल लोधियाल: सवाल यह है कि ये झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग, आखिर कहाँ से आते हैं? क्या यह बारिश के साथ आसमान से टपकते
अरबिंद भगत: हमने भी मांगा था नया साल उनसे, पर उन्होंने दी गोलियों की सौगात । हमने ने भी दुआ की थी खुशहाल नए साल