महिपाल मोहन: इस साल अप्रैल माह की शुरुआत में मुझे उत्तराखंड के पिंडारी ग्लेशियर के पास के खाती और बाछम… READ MORE
यह कविता पावरी भाषा में लिखी गयी है। यह भाषा पश्चिम मध्य प्रदेश और उससे लगे महाराष्ट्र के भील, पावरा… READ MORE
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मनिषा शहारे: नमस्कार! मैं आज भुईनिंब के पौधे के बारे में बताने जा रही हूँ। भुईनिंब एक जंगल में मिलने… READ MORE
कविता कृष्णपल्लवी: सुखी-सम्पन्न लोग अक्सरअपने अकेलेपन की बातें करते हैं Iथोड़ी दार्शनिक मुद्रा में अक्सरवे कहते हैं कि सबकुछ होते… READ MORE
मोहन सिंह: हमे लूट रही मिल के, जा सरकार… x 2 जाग-जाग नौजवान तू जाग,अपने हक़-अधिकार को पहचान..जाग-जाग नौजवान तू… READ MORE
युवानिया पत्रिका, युवाओं को उनकी सोच को कलमबद्ध करने का एक मंच देने का प्रयास है। इस पत्रिका के माध्यम से हम मुख्यतः युवा मन के विचारों को सामने लाना चाहते हैं। साथ ही आस-पास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिदृष्य पर युवाओं के विचारों को भी साझा करना चाहते हैं।
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